हैदराबाद : तेलंगाना के नलगोंडा जिले के नागार्जुन सागर में विकसित किये गये प्रतिष्ठित बुद्धवनम फ्लडलाइट्स में चमक रहा है। बुद्ध जयंती के अवसर पर 16 मई को बौद्ध विरासत थीम पार्क में भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सभी इंतजाम कर लिये गये हैं। बुद्धवनम बिजली की रोशनी में जगमगा रहा है।
विशेष अधिकारी मल्लेपल्ली लक्ष्मय्या ने बताया कि बौद्ध विरासत थीम पार्क को तेलंगाना पर्यटन विकास निगम की ओर से 274 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है। बुद्धपूर्णिमा के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रमुख हस्तियां भाग ले रहे हैं। हरियाणा सरकार के विशेष सचिव आईएएस अधिकारी राजशेखर उंद्रू महा स्तूप के सभागार में सोमवार शाम 7 बजे “समकालीन दुनिया के लिए बौद्ध धर्म” विषय पर संबोधित करेंगे।
इनके अलावा डॉ शिवनागी रेड्डी और प्रो संतोष राउत भी सभा को संबोधित करेंगे। ईएफएल विश्वविद्यालय सत्र की अध्यक्षता करेंगे। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोग, शोधार्थी पंडित और बौद्ध संगठन जुड़े प्रमुख इस आयोजन में भाग लेने की अपील की गई है।
लक्ष्मय्या ने आगे कहा कि बुद्ध की 2566वीं जयंती के उपलक्ष्य में बुद्धवनम को पेड़-पौधों से आकर्षक बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध देशों में बुद्ध की मूर्तियाँ, स्तूप, चैत्य और विहार स्थापित किए जाने की परंपरा है।
इस अवसर पर बुद्ध और आचार्य नागार्जुन की विचारधाराओं को सुनाने के अलावा पुरातनता काल के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूक किया जाएगा। आज के समाज को बौद्ध संस्कृति और उसकी प्रासंगिकता को व्यक्त करने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है।
आपको बता दें कि 2015 में मई के पहले सप्ताह में टीआरएस पार्टी ने नागार्जुन सागर में महासम्मेलन आयोजित किया था। बैठक के लिए सागर आए सीएम के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने बुद्धवन का दौरा किया। उस समय बुद्धवनम के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। मल्लेपल्ली लक्ष्मैया को विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है। तब से काम चल रहा है और अब प्रोजेक्ट पूरा हो गया है।
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— PIB in Chandigarh (@PIBChandigarh) May 12, 2022
यह महास्तूप 21 मीटर ऊंचा और 42 मीटर व्यास के साथ निर्मित है। कहा जा रहा है कि कंक्रीट से बने स्तूपों में यह एशिया का सबसे बड़ा स्तूप है। यह स्तूप गुंटूर जिले के अमरावती में सातवाहन काल के दौरान बनाए गए स्तूप के के समान आयामों के साथ बनाया गया है। एक विशाल ध्यान कक्ष स्थापित किया गया है। स्तूप के नीचे पुस्तकालय, सभागार और संग्रहालय हैं।
बुद्धवनम एशिया का सबसे बड़ा सीमेंट का स्तूप है। श्रीलंकाई लोगों द्वारा दान में दी गई 27 फुट ऊंची बुद्ध प्रतिमा यहां स्थापित की गई है। स्तूप की दीवारों पर नक्काशीदार मूर्तियां हैं जो बुद्ध के जन्म से लेकर उनके निधन तक के हर पहलू पर दर्शाया गया हैं।