हैदराबाद : हुजूराबाद उपचुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, वैसे-वैसे करवटें बदल रहा है। अपने आपको बीसी नेता कह लेने वाले ईटेला राजेंदर को बीसी कल्याण संघ ने गहरा धक्का दिया है। बीसी कल्याण संघ के नेतृत्व में एक होटल में बीसी जेएसी नेताओं की बैठक हुई। बैठक में हुजूराबाद उपचुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति के उम्मीदवार गेल्लु श्रीनिवास यादव का समर्थन करते हुए फैसला लिया है।
बीसी कल्याण संघ के जेएसी नेताओं ने सवाल किया कि बीसी जाति जनगणना नहीं करने वाली बीजेपी को वोट क्यों दें? उन्होंने आर कृष्णैया की आलोचना करने वाले भाजपा नेताओं पर भी निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी ने पिछड़ी जाति (बीसी) के लिए क्या किया है? भाजपा का पूरा इतिहास एससी, एसटी और बीसी के खिलाफ रहा है।
बीसी जनगणना नहीं करती है तो बीजेपी को वोट क्यों दें
बीसी आंदोलन के नेता आर कृष्णय्या सीधे सवाल किया कि अगर बीसी जनगणना नहीं करती है तो बीजेपी को वोट क्यों दें। केंद्र की बीजेपी सरकार ने बीसी छात्रों के लिए अब तक एक भी छात्रावास नहीं बनाया है। मगर तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने बीसी नेताओं के पूछते ही छात्रों के लिए गुरुकुल बनाये हैं। कल्याण लक्ष्मी योजना को लेकर आये है। उन्होंने बताया कि बीजेपी के नेता मुझे फोन करके सीएम केसीआर की आलोचना करने का दबाव डाल रहे हैं। यह कहां का न्याय है? केसीआर ने स्वयं मुझे आश्वासन दिया कि तेलंगाना में दलित बंधु की तरह ही बीसी बंधु योजना को भी लागू किया जाएगा।
ईटेला ने बीसी के लिए क्या किया
आर कृष्णय्या ने कहा, “मैं राजनीति नहीं कर रहा हूं। उनके जैसा मैंने जमीन पर कब्जा नहीं किया और न ही मुख्यमंत्री पद की आस लगाये बैठा हूं। अपने आपको बीसी का बेटा कह लेने वाले ईटेला ने बीसी के लिए क्या किया है? बीसी जाति के साथ अन्याय करने वाली बीजेपी को कोई भी वोट न दें। हुजूराबाद में बीजेपी हार जाती है तो उसे झटका लगेगा। बीजेपी शासित कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में कहीं पर भी तेलंगाना जैसी योजनाएं नहीं हैं।”
सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों को बेच रही बीजेपी को कदापि वोट न दें
बीसी जेएसी नेताओं ने यह भी सवाल किया कि पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतें बढ़ाने वाली बीजेपी को वोट क्यों दें। ईटेला राजेंदर 18 साल तक पद का सुख भोगा है। क्या यह बस नहीं होता है। उन्होंने वोटरों से कहा कि इन दो सालों के लिए गेल्लु श्रीनिवास यादव को मौका दें। सरकार के स्वामित्व वाले उद्यमों को बेच रही बीजेपी को कदापि वोट न दें। अब देखना है कि बीसी के अप्रत्याशित फैसले से हुजूराबाद की राजनीतिक पर क्या और कैसे असर पड़ता है।
आपको बता दें कि हुजूराबाद उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा। 2 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। पूर्व मंत्री ईटेला राजेंद्र के इस्तीफा दिये जाने के चलते हुजूराबाद उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। जमीन हड़पने के आरोपों के बाद ईटेला ने विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद में वे भाजपा में शामिल हो गये।