“काम करने वालों को पैसा नहीं दिया तो प्रस्तावित तीन राजधानियों के निर्माण के लिए कौन आगे आएगा?”

अमरावती : आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने ठेकेदारों द्वारा किए गए कार्यों के बिलों का भुगतान नहीं किये जाने पर प्रदेश सरकार के प्रति गहरा असंतोष व्यक्त किया है। लोक अभियोजक (जीपी) ने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य की वित्तीय स्थिति बहुत ही खराब है। इसके कारण बिल भुगतान करने में देरी हो रही है।

इस पर हाईकोर्ट ने राज्य की वित्तीय स्थिति की पूरी जानकारी के साथ वित्त और पंचायतीराज विभागों के प्रधान सचिवों को 28 जून को उच्च न्यायालय के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट ने कहा, “सरकारी वकील का कहना है कि सरकार के पास बिलों का भुगतान करने के लिए निधि नहीं है। उनके टिप्पणी से यह आभास होता है कि राज्य की वित्तीय स्थिति दयनीय है।”

कोर्ट ने जगन सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर काम करने वालों को पैसा नहीं दिया गया तो कल आपके प्रस्तावित तीन राजधानियों के निर्माण के लिए कौन आगे आएगा? कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई को 28 जून तक स्थगित कर दी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बट्टू देवानंद ने सोमवार को इस आशय का निर्देश जारी किया।

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