कौशाम्बी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उपक्रम
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण अन्य विधिक सेवा संस्थानों के साथ मिलकर लोक अदालतों का आयोजन करता है। लोक अदालत वैकल्पिक विवाद समाधान पद्धति में से एक है, यह एक ऐसा मंच है जहाँ कानून की अदालत में या मुकदमे-पूर्व चरण में लंबित मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया जाता है।
कौशाम्बी: (डॉ नरेन्द्र दिवाकर की रिपोर्ट) : 14 सितंबर को देशभर के जनपद न्यायालयों में वृहद लोक अदालत का आयोजन किया गया। जनपद न्यायालय कौशाम्बी (उत्तर प्रदेश) में भी राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें सुलह समझौते के आधार पर वादों का निस्तारण कराया गया। निस्तारण के लिए वाद पहले से ही सूचीबद्ध कर लिए गए थे। राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायाधीश व अध्यक्ष विधिक सेवा प्राधिकरण कौशाम्बी अनुपम कुमार की अध्यक्षता में किया गया।
नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत शीरीन ज़ैदी एवं सचिव/अपर जिला जज पूर्णिमा प्रांजल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में समस्त प्रकार के शमनीय आपराधिक मामले, चेक बाउंस से सम्बन्धित धारा 138 एन. आई. एक्ट एवं बैंक रिकवरी, राजस्व वाद एवं सिविल वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, आरबिट्रेशन से सम्बधित इजरा वाद, पारिवारिक, वैवाहिक मामले, विद्युत अधिनियम के अन्तर्गत शमनीय वाद, श्रम आदि लंबित वादों के साथ ही साथ बैंक वसूली संबंधी, जलकर, विद्युत के प्रकरण एवं प्रि-लिटीगेशन स्टेज वैवाहिक वादों का भी निस्तारण किया गया।
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निस्तारण के क्रम में माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय द्वारा कुल 02 वाद का निस्तारण कर 1,000/- रु० का अर्थदण्ड वसूला गया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय द्वारा कुल 23 परिवारिक वादों का निस्तारण किये गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायालय द्वारा 30 वादों का निस्तारण कर प्रतिकर के रूप में 1,20,31,000/- रु० दिलाया गया तथा इसी क्रम में अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम् द्वारा कुल 07 वाद का निस्तारण कर 15,500/- रू० का अर्थदण्ड वसूला गया। अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी द्वारा 01 वाद का निस्तारण कर 500/- रू० का अर्थदण्ड वसूला गया। अपर जनपद न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट द्वारा 06 वाद का निस्तारण कर 3,000/- रू० का अर्थदण्ड वसूला गया।
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अपर जनपद न्यायाधीश सप्तम द्वारा कुल 03 वाद का निस्तारण किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय प्रथम द्वारा विद्युत अधिनियम के 109 वादों का एवं 01 सिविल वाद का निस्तारण किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय द्वितीय द्वारा कुल 01 वाद का निस्तारण किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा कुल 1186 फौजदारी वादों का निस्तारण कर 7,99,560/- रू० अर्थदण्ड वसूला गया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट / सिविल जज सी०डि० द्वारा कुल 202 वादों का निस्तारण कर 7,395/- रू० का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। सिविल जज सी. डि./ त्वरित न्यायालय द्वारा कुल 49 वादों का निस्तारण कर 4,585/- रू० अर्थदण्ड वसूला गया। सिविल जज जू० डि० द्वारा 322 वादों का निस्तारण किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 253 वादों का निस्तारण कर 11,450/- रू० का अर्थदण्ड वसूला गया।
इसी प्रकार अपर सिविल जज जू०डि० द्वितीय द्वारा 70 वादों का निस्तारण किया गया। सिविल जज जू०डि०/ त्वरित न्यायालय प्रथम् द्वारा कुल 97 वाद निस्तारित कर 36,730/- रू० अर्थदण्ड वसूला गया। ग्राम न्यायालय, चायल द्वारा कुल 74 वाद निस्तारित कर 10,870/- रू० का अर्थदण्ड वसूला गया। जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों द्वारा 24195 वादों व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 513 वादों का निस्तारण कर 10,02,231 रू० जमा कराया गया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, कौशाम्बी द्वारा 09 याद निस्तारित कर 1, 37, 696 रू० जमा कराया गया। न्यायालय, स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवायें), कौशाम्बी द्वारा सुलह समझौते के आधार कुल 01 मामले का निस्तारण किया गया तथा बैंक के ऋण वसूली वादों से सम्बन्धित जनपद के सभी बैंको के द्वारा 589 वादों का निस्तारण कर 69,21,610 रू० जमा कराया गया।
इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 27743 वादों का निस्तारण कर 2,09,83,127 रुपये वसूला गया। लोक अदालत की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से की गई। इस दौरान अन्य न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण एवं आमजन भी उपस्थित रहे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कौशाम्बी की सचिव अपर जिला जज श्रीमती पूर्णिमा प्रांजल ने सभी का आभार व्यक्त किया।