अक्सर यह कहा जाता है कि इतिहास पढ़ने का क्या मतलब? इससे हमें क्या फायदा होने वाला है? यह हमारे भविष्य को कैसे बनाएगा?
तो आइए बताते हैं कि इतिहास का अध्ययन क्यों जरूरी है?पहली बात यह है कि अम्बेडकर साहब ने भी कहा था कि “जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती।”
दूसरी बात यह है कि इतिहास कोई भविष्य जानने का साधन नहीं है और न ही भविष्य जानने के लिए इतिहास का अध्ययन करते हैं बल्कि अपनी समझ के दायरे को और बड़ा करने के लिए इतिहास का अध्ययन करते हैं। इतिहास से यह भी समझ विकसित होती है कि हमारी जो वर्तमान स्थिति है वह न तो स्वाभाविक है और न जरूरी बल्कि हमारे पास उससे भी ज्यादा संभावनाएं मौजूद हैं जितने की हमने कल्पना कर रखी है।
लेखक नरेन्द्र दिवाकर
हमें यह ध्यान रखना होगा कि इतिहास अलग-अलग लोगों के सुख की परवाह नहीं करता और अलग-अलग मनुष्य अपने स्तर पर इतने अक्षम/अज्ञानी और कमजोर होते हैं कि इतिहास को अपने हित में नहीं मोड़ सकते इसलिए हम सबको एकजुट होकर अपने व्यक्तिगत हितों से समझौता कर इतिहास के प्रवाह को अपने हित में मोड़ना होगा। यदि हम ऐसा करने में कामयाब हुए तो न केवल नियति को बदल सकेंगे अपितु तर्कसंगत रूप से सरकार/अन्य लोगों/राजनीतिक पार्टियों को भी अपने समुदायिक हितों की ओर ध्यानाकर्षण करने हेतु बाध्य कर सकेंगे। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारा अपना इतिहास तभी बन पाएगा जब हम अपना इतिहासकार बनाएंगे।
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प्रोफेसर रतन लाल जी कहते हैं-
जब तक अपना इतिहासकार नहीं बनाया जाएगा तब तक चिनुआ अचीबी का कहा हुआ कथन सत्य होता रहेगा कि -”जब तक हिरन अपना इतिहास खुद नहीं लिखेंगे तब तक हिरणों के इतिहास में शिकारियों की बहादुरी के किस्से गाए जाते रहेंगे” और जब तक अपना वकील नहीं बनाओगे तो खीरा चोरी के आरोप में जेल होगा और हीरा चोरी के आरोपी फाइव स्टार होटल में जाएंगे।
जब आपका अपना इतिहास होगा तो आने वाली पीढियां इतिहास से सबक लेकर अपनी तरक्की और प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे क्योंकि इतिहास में संभावनाओं का एक व्यापक फलक मौजूद होता है। इसलिए इतिहास की अच्छी और प्रामाणिक पुस्तकों व अन्य स्रोतों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ा जाना चाहिए।
नरेन्द्र दिवाकर
मो. 9839675023
सुधवर, चायल, कौशाम्बी (उ. प्र.)