हैदराबाद : तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सरकार के बीच जबरदस्त जल जंग छिड़ गया है। तेलंगाना गठन के बाद से जल को लेकर इतना गंभीर आरोप और प्रत्यारोप देखने और सुनने को नहीं मिला। फिलहाल दोनों तेलुगु राज्यों के बीच जल युद्ध जारी है।
मुख्य रूप से दोनों सरकारें कृष्णा जल मामले को लेकर तू-तू और मैं-मैं पर उतर आये हैं। दोनों राज्यों के मंत्री और नेता एक दूसरे पर बातों के बौछार कर रहे हैं। ऐसे हालत में तेलंगाना में राजनीतिक पार्टी गठन की घोषणा कर चुकी वाईएस शर्मिला की अब आगे कुआं और पीछे खाई जैसी हालत हो गई है। एक प्रकार से देखा जाये तो शर्मिला के लिए यह अग्नि परीक्षा घड़ी है।
गौरतलब है कि तेलंगाना के मंत्री श्रीनिवास गौड़ ने कहा कि जल को लेकर आंध्र प्रदेश की हर प्रकार की घटिया चाल को चकनाचूर कर देंगे। एक और मंत्री प्रशांत रेड्डी ने दो कदम आगे बढ़ते हुए कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी को चोर है तो उनके बेटे और एपी के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी महाचोर हैं। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार तेलंगाना के पानी को गलत तरीके से पानी ले जा रहे हैं। इसके जवाब में आंध्र प्रदेश ने कहा कि जिसके वे हकदार हैं उसे छोड़कर एक बूंद भी अतिरिक्त पानी नहीं ले रहे हैं। अब शर्मिला इस मुद्दे को कैसे निपटती हैं यही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना है।
जब से शर्मिला ने तेलंगाना की राजनीति में सक्रिय होने की घोषणा की है, तब से यही मुद्दा सामने आ रहा है यदि दोनों राज्यों के बीच उठे किसी भी विवाद का हल वह कैसे करेगी। इसके लिए अनेक कारण भी है। एक कारण शर्मिला एपी के मुख्यमंत्री वाईएस जगन की सगी बहन है। दूसरा जगन ने न ही तेलंगाना आंदोलन का समर्थन किया और न ही गठन के पक्ष में विचार व्यक्त किये। तीसरा जगन की उपेक्षा की शिकार शर्मिला तेलंगाना में पार्टी गठन करके अपनी योग्यता को साबित कर दिखाना चाहती है।
ऐसे समय में अपने पिता और भाई को चोर और महाचोर कहने वाले नेताओं को क्या जवाब देगी। इन सवाल का जवाब दिये बिना तेलंगाना के लोग शर्मिला पर विश्वास नहीं करेंगे। क्योंकि तेलंगाना के लोग त्याग करने वालों पर विश्वास करते हैं।
तेलंगाना के लिए वाईएस राजशेखर रेड्डी, वाईएस जगन मोहन रेड्डी और वाईएस शर्मिला ने अब तक ऐसा कोई त्याग नहीं किया, ताकि लोग उन पर विश्वास कर सकें। इसी बीच सवाल उठता है कि ऐसे विवादों के बीच वाईएस शर्मिला तेलंगाना में राजन्ना राज कैसे ले आएगी? यह बात अलग है कि दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएसआर की योजनाएं सयुंक्त आंध्र प्रदेश में काफी प्रशंसनीय रहे हैं। इसका लाभ आज भी तेलंगाना के लोग उठा रहे हैं। अब एपी सीएम जगन की योजनाओँ की भी बहुत तारीफ हो रही है। वहां के लोग भी उनकी योजनाओँ से प्रसन्न है।
जब भी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच जल विवाद का मु्द्दा सामने आया तो तेलंगाना के नेता वाईएसआर पर क्रोध उतारे बिना खामोश नहीं बैठते हैं। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया में होड लगी है कि क्या तेलंगाना में राजन्ना राज ले आने की बात करने वाली शर्मिला ने जल विवाद घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया दी है? अब यह देखना है कि शर्मिला इन ताजा घटनाक्रमों पर क्या प्रतिक्रिया देती है। उनकी प्रतिक्रिया ही तेलंगाना में उनके भविष्य को निर्धारित करती है।