हैदराबाद : टीडीपी प्रमुख नारा चंद्रबाबू नायडू 2019 चुनाव में बुरी तरह हार गए थे। उस चुनाव में वाईसीपी ने 150 सीटें जीतकर इतिहास रचा था। लेकिन सत्ता में आने के बाद भी वाईसीपी नेताओं ने अपना रुख नहीं बदला। वह उस समय विधानसभा में विपक्षी नेताओं की व्यक्तिगत आलोचना करते थे जहाँ सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी।
उम्र और राजनीतिक ज्ञान में वाईएस जगनमोहन रेड्डी से बड़े चंद्रबाबू नायडू का कई बार अपमानि हो चुके थे। इतना ही नहीं एक मौके पर चंद्रबाबू ने ना सिर्फ नायडू की व्यक्तिगत आलोचना की बल्कि उनके परिवार के सदस्यों की भी कड़ी आलोचना की थी। इससे आहत चंद्रबाबू नायडू ने भावुक होकर भीष्म शपथ ली थी।
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बाबू प्रतिज्ञा की कि जब तक वह दोबारा चुनाव नहीं जीत जाते, तब तक वह विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे और अगर जीते, तो सीएम पद पर कदम रखेंगे। फिलहाल उन्होंने अपनी प्रतिज्ञा के मुताबिक 2024 का चुनाव भारी बहुमत से जीत लिया है। इसके साथ ही कई लोगों का मानना है कि वाईसीपी, जिसे पिछले चुनाव में 151 सीटें जीतने का गौरव था, वह 13 सीटों पर ही सिमट कर रह गई है और निचले पायदान पर पहुंच गई है।