हैदराबाद : हिन्दी पत्रकारिता जगत ने एक सपूत खो दिया। दक्षिण में हिन्दी की पताका लहराने वाले लब्ध प्रतिष्ठ पत्रकार विनय वीर जी नहीं रहे। वे 72 वर्ष के थे। अपने पीछे वे पत्नी, एक पुत्र तथा तीन पुत्रियाँ छोड़ गये हैं। अपने संपादन और प्रबंधन शैली से हिन्दी को समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाले विनय वीर किसी परिचय के मोहताज नहीं थे। दक्षिण में हिन्दी की श्री वृद्धि की जब भी बात आयेगी, तो श्री वीर का नाम आदर के साथ लिया जाएगा। स्वतंत्रता सेनानी युद्धवीरजी एवं सीता युद्धवीर के घर जन्मे श्री वीर हमेशा ही जुझारू रहे। सीता जी दो कार्यकाल के लिए राज्यसभा सांसद रहीं।
विनय वीर अपने पिता युद्धवीरजी की याद में स्थापित युद्धवीर फाउंडेशन के सचिव थे। वे कॉलेजियट शिक्षा बद्रुका कॉलेज से ग्रहण की। वे न केवल एक अच्चे पत्रकार थे, बल्कि अच्छे फोटोग्राफर भी थे। विनय वीर संयुक्त आंध्र प्रदेश में प्रेस अकादमी के सदस्य और आंध्र-प्रदेश न्यूज पेपर्स असोसिएशन (अपना) के चेयरमैन की भी रहे हैं। विनय वीर बहुत ही सादगी पसंद इंसान थे। वे अपने समाचार पत्र में खुद तस्वीर प्रकाशित न हो, इस सिद्धात का उन्होंने आजीवन पालन किया। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का शोक
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिंदी मिलाप के संपादक विनय वीर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संदेश कहा कि विनयवीर ने दक्षिण भारत में हिंदी पत्रकारिता की मशाल रोशन कर रखी थी। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता को नयी ऊंचाइयाँ प्रदान कीं। प्रकाशन, प्रबंधन संपादन में अपनी महती भूमिका निभाते रहे। वे बहुत ही सादगी पसंद इंसान थे। बंडारू दत्तात्रेय ने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री का शोक
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विनय वीर के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने एक शोक संदेश में कहा कि विनय वीर के निधन से पत्रकारिता की दुनिया को अपूरणीय क्षति पहुँची है। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी सेवाओं को याद किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहर संवेदना व्यत्त की।
पुरुषोत्तम अग्रवाल का शोक
हैदराबाद क्रिकेट असोसिएशन के काउंसलर सुनील अग्रवाल एवं पूर्व संयुत्त सचिव पुरुषोत्तम अग्रवाल ने विनय वीर के निधन पर गहरा शोक जताया है। विधानसभा के सचिव डॉ नरसिम्हा चार्युलु ने भी गहरा शोक व्यत्त किया है।
सूत्रधार की सरिता सुराणा का शोक
क्षिण भारत में हिन्दी भाषा और पत्रकारिता की अखंड लौ जलाने वाले लब्ध प्रतिष्ठ पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और डेली हिन्दी मिलाप समाचार पत्र के संस्थापक युद्धवीर जी के सुपुत्र विनयवीर जी के निधन की दुखद ख़बर से हैदराबाद का समस्त पत्रकार जगत स्तब्ध है। विनयवीर जी का जाना सम्पूर्ण हिन्दी पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें और परिवार जनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति दें।
ओम् शान्ति, शान्ति, शान्ति।
डेली हिंदी के संपादक संदेश भरद्वाज का शोक
डेली हिंदी के संपादक संदेश भरद्वाज ने डेली हिन्दी मिलाप के संपादक विनयवीर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि दक्षिण भारत में हिन्दी पत्रकारिता के स्तंभ डेली हिन्दी मिलाप के संपादक विनयवीरजी का शनिवार को स्वर्गवास हो गया। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। ओम शांति।
तेलंगाना समाचार का शोक
तेलंगाना समाचार के संपादक के राजन्ना ने डेली हिन्दी मिलाप के संपादक विनयवीर के निधन पर गहरा शोक किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में मिलाप में उनके साथ किये गये अनुभवों को याद किया। साथ ही कहा कि हिंदी पत्रकारिता जगत ने एक महान हस्ती को खो दिया है। यह कमी कभी पूरी नहीं होगी।
युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच का शोक
युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के अध्यक्ष डॉ रमा द्विवेदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में हिन्दी भाषा और पत्रकारिता के पुरोधा, सुविख्यात पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और डेली हिन्दी मिलाप समाचार पत्र के संस्थापक युद्धवीर जी के सुपुत्र श्री विनयवीर जी के आज़ शाम निधन की दु:खद ख़बर से हैदराबाद का संपूर्ण पत्रकार जगत स्तब्ध है। विनयवीर जी का यूं चले जाना सम्पूर्ण हिन्दी पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपनी शरण में लें और शोक संतप्त परिवार जनों को गहन दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। विनम्र श्रद्धांजलि। ओम् शान्ति, शान्ति, शांति।