अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, प्रधानमंत्री ने दिया यह बड़ा संदेश
हैदराबाद: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भव्य रूप से संपन्न हुई। यह कहना सही होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या दौरा कई मायनों में अभूतपूर्व और सफल रहा है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री ने करीब 36 मिनट तक पूरे देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने ‘देव से देश’ और ‘राम से राष्ट्र’ थीम पर आधारित प्रेरक संदेश दिया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान भगवान राम और गिलहरी के संवाद का जिक्र करते हुए देशवासियों को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने लोकश्रुति और आस्था से जुड़ी इस प्रेरक कहानी के जरिए खुद के योगदान को कम न आंकने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गिलहरी और भगवान राम का संवाद हमें बताता है कि सकारात्मक सोच और प्रयास हमेशा जारी रहने चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देश में आज से एक नए युग का आरंभ हो गया है। वैदिक पद्धति और पूरे विधि-विधान के साथ पीएम मोदी के नेतृत्व में भगवान के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। राम मंदिर के गर्भगृह में पीएम मोदी ने 84 मिनट तक चली पूजा संपन्न की। पूजा संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री ने मंत्रोच्चार कर रहे पुरोहितों और आचार्यों को दान भी दिए। मंदिर में मौजूद एक आचार्य ने प्रधानमंत्री को सोने की अंगूठी पहनाकर उन्हें आशीर्वाद दिया।
पूजा-अनुष्ठान के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में निराशावाद की जगह नहीं है। अगर कोई यह सोचे कि मैं सामान्य और छोटा हूं तो उसे गिलहरी को याद करना चाहिए। यह सिखाएगा कि छोटे-बड़े हर प्रयास की ताकत होती है, योगदान होता है। यही भावना समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत का आधार बनेगी। समय में बदलाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा की ओर बढ़ेगा। इस दौरान उन्होंने रामसेतु के निर्माण का भी जिक्र करते हुए कहा कि आज देश में निराशावाद के लिए जगह नहीं है। देश के विकास में सभी से योगदान का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने रामसेतु के निर्माण में छोटी सी गिलहरी के योगदान की भी चर्चा की। हम आपको बताएंगे कि वो कहानी क्या थी।
रामकथा के रचयिता ने खुद कहा है कि रामायण शतकोटि अपारा। यानी राम कथा केवल एक नहीं, इसके अनेक संस्करण हैं। श्रुति परंपरा वाले देश भारत में भगवान राम से जुड़े कई ऐसे ही प्रसंग हैं जो देश-काल और सरहदों की सीमाओं से परे पूरी मानवता को रोमांचित के साथ-साथ प्रेरित भी करते हैं। गिलहरी और भगवान राम के संवाद की ये कहानी रामेश्वरम की है। लंकापति रावण से धर्मयुद्ध करने से पहले जब भगवान राम की वानरसेना रामसेतु बना रही थी उसी समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नजर एक गिलहरी पर पड़ी। वह अपनी क्षमता के मुताबिक छोटे कंकर रामसेतु निर्माण में लगे श्रमिकों को दे रही थी।
गिलहरी के ऐसा करने पर हैरत से भरे भगवान राम ने उससे सवाल किया। उन्होंने पूछा कि वह कंकरों को रामसेतु में क्यों डाल रही है? इसके पीछे सोच क्या है? बड़ी शिलाओं के बीच उसके कंकरों की क्या अहमियत होगी? तमाम सवालों पर गिलहरी ने बिना किसी संकोच और पूरे आत्मविश्वास से जवाब दिया। गिलहरी ने सियावर राम से कहा कि भले ही उसका योगदान आकार की दृष्टि से बेहद लघु दिख रहा है, लेकिन नीयत के नजरिए से वह अपनी पूरी क्षमता से योगदान कर रही है। अहमियत योगदान और श्रम की मात्रा या रामसेतु में डाले जा रही शिलाओं की भी है, लेकिन उसकी सोच सकारात्मक भूमिका निभाने की है। उसके इस जवाब से भगवान राम काफी प्रसन्न हुए। एक मान्यता ऐसी भी है कि गिलहरी की पीठ पर मौजूद धारियां भगवान राम की तीन अंगुलियों के निशान हैं।
राममंदिर में पहली पूजा के बाद देशवासियों को अयोध्या की दिव्यता के दर्शन कराते हुए प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। 22 जनवरी 2024 का यह सूर्य अद्भुत आभा लेकर आया। आज दिन-दिशाएं, दिग-दिगंत, सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं। पीएम मोदी कहा कि आदिवासी मां शबरी कब से कहती थी- राम आएंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास समर्थ, सक्षम, भव्य भारत का आधार बनेगा। रामकथा के प्रसंगों की व्याख्या करने वाले संतों ने मां शबरी को महातपस्विनी क संज्ञा भी दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब जानते हैं कि निषाद राज की मित्रता सभी बंधनों से परे है। उनका अपनापन कितना मौलिक है। सब अपने हैं, सभी समान हैं। सभी भारतीयों में अपनत्व की भावना नए भारत का आधार बनेगी। यही देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है। (एजेंसियां)
हैदराबाद: पूरे देश में भगवान राम के नाम से गूंज रहा है। राम भक्तों को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था वह दिन आ गया है। रामजन्मभूमि पर रामनाम का स्मरण करने की शुभ घड़ी आखिरकार आ ही गई। सोमवार को दोपहर 12.29 बजे अभिजीत लग्न में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या राम मंदिर में बाला राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस मौके पर अयोध्या नगरी राम के जयकारे से गूंज उठ रही है। तेलंगाना में भी कई कार्यक्रम चल रहे हैं। हैदराबाद में भी राम का नाम गूंज रहा है। दोपहर 12.55 बजे प्राण प्रतिष्ठा के बाद हेलीकॉप्टर से अयोध्या राम मंदिर पर पुष्प वर्षा की जाएगी। करीब 800 कार्यकर्ताओं ने अयोध्या राम मंदिर और अयोध्या नगरी को फूलों से सजाय। इस कार्य के लिए लगभग 1100 टन फूलों का उपयोग किया गया। प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के महर्षि वाल्मिकी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरेंगे और सड़क मार्ग से छह किलोमीटर की यात्रा करके राम मंदिर पहुंचेंगे। इस पथ को गेंदे के फूलों से भी सजाया गया है। सड़क के दोनों ओर प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशाल पुतले सजाए गए है। वहीं, पूरे अयोध्या शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस, एटीएस कमांडो और सीआरपीएफ के जवान कड़ी निगरानी रख रहे हैं। फैजाबाद से अयोध्या जाने वाले मुख्य मार्ग पर सुरक्षा बलों ने बैरिकेड्स लगा दिए हैं। वहां से केवल पास वाले वाहनों को ही अयोध्या की ओर जाने की अनुमति है। यूपी पुलिस के अधिकारियों ने ऐलान किया है कि अयोध्या में सुरक्षा के लिए करीब 30 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के कमांडो अयोध्या की सड़कों पर परेड कर रहे हैं। जिन मुख्य अतिथियों को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है वे सोमवार सुबह 10 बजे तक मंदिर पहुंच जायेंगे। बाल राम के सम्मान में सोमवार शाम को अयोध्या राम मंदिर को 10 लाख दीपों से सजाया जाएगा। इसका खुलासा रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने किया है। ये दीपक राम मंदिर, रामकी पैड़ी, कनक भवन, गुप्तार घाट, सरयू घाट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी सहित 100 मंदिरों और अन्य प्रसिद्ध स्थानों पर एक साथ जलाए जाएंगे। इसके लिए मिट्टी के मिश्रण का उपयोग किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही देशभर में सभी लोगों से श्री राम प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सोमवार शाम को अपने घरों, दुकानों और व्यावसायिक कार्यालयों में दीपक जलाने का आह्वान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश सरकार पिछले सात वर्षों से अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन कर रही है। वहीं तेलंगाना में राम नाम से गूंज रहा है। पूरे मंदिरों में राम नाम भजन कीर्तन जारी है। इसी तरह हैदराबाद शहर भी अलसुबह से ही राम नाम से गूंज रहा है। हर कोई भगवान राम के गीत गुनगुना रहा है। शहर में बड़े-बड़े स्क्रीन पर प्राण प्रतिष्ठा को सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की गई है। అంతా రామమయం, అయోధ్య రామయ్య ప్రాణ ప్రతిష్ఠ, తెలంగాణలోను అనేక కార్యక్రమాలు
హైదరాబాద్: దేశం మొత్తం రామమయం అయింది. రామభక్తులు వేయికళ్లతో ఎదురుచూస్తున్న రోజు రానే వచ్చింది. రామజన్మభూమి రామనామ స్మరణతో పులకించే శుభ వేళ ఎట్టకేలకు విచ్చేసింది. సోమవారం మధ్యాహ్నం 12.29 గంటలకు ప్రధానమంత్రి నరేంద్ర మోడీ చేతుల మీదుగా అభిజిత్ లగ్నంలో అయోధ్య రామమందిరంలో బాలరాముడి విగ్రహ ప్రాణ ప్రతిష్ఠ జరగనుంది. ఈసందర్భంగా అయోధ్యా నగరం రామనామస్మరణతో మార్మోగనుంది. ఇటు తెలంగాణలోను అనేక కార్యక్రమాలు జరుగుతున్నాయ్. హైదరాబాదులోను రామనామస్మరణతో మార్మోగుతుంది.
ప్రాణప్రతిష్ఠ తర్వాత 12.55 గంటలకు హెలికాప్టర్తో అయోధ్య రామమందిరంపై పూలవర్షం కురిపిస్తారు. దాదాపు 800 మంది కార్మికులు అయోధ్య రామమందిరాన్ని, అయోధ్య నగరాన్ని పుష్పాలతో అలంకరించారు. ఇందుకోసం దాదాపు 1100 టన్నుల పూలను వాడారు. ప్రధాని మోడీ అయోధ్యలోని మహర్షి వాల్మీకి అంతర్జాతీయ విమానాశ్రయంలో దిగి ఆరు కిలోమీటర్లు రోడ్డుమార్గం మీదుగా ప్రయాణించి రాముడి ఆలయానికి చేరుకుంటారు. ఈ మార్గాన్ని కూడా బంతిపూలతో అలంకరించారు. రోడ్డుకు ఇరువైపులా ప్రధాని మోడీ, ఉత్తరప్రదేశ్ ముఖ్యమంత్రి యోగి ఆదిత్యనాథ్ల భారీ ఫ్లెక్సీలను ఏర్పాటు చేశారు.
నేపథ్యంలో అయోధ్యా నగరంవ్యాప్తంగా కట్టుదిట్టమైన భద్రతా ఏర్పాట్లు చేశారు. పోలీసులు, ఏటీఎస్ కమాండోలు, సీఆర్పీఎఫ్ సిబ్బంది గట్టి పహారా కాస్తున్నారు. ఫైజాబాద్ నుంచి అయోధ్యకు వచ్చే ప్రధాన రహదారిపై భద్రతా దళాలు బారికేడ్లను ఏర్పాటు చేశాయి. అక్కడి నుంచి పాస్ ఉన్న వాహనాలనే అయోధ్య వైపునకు అనుమతిస్తున్నారు. దాదాపు 30 వేల మంది పోలీసులను అయోధ్యలో భద్రతకు మోహరించినట్లు యూపీ పోలీసు అధికారులు ప్రకటించారు. 10వేల సీసీ కెమెరాలు అమర్చి భద్రతను పర్యవేక్షిస్తున్నారు. అయోధ్య దారుల్లో యాంటీ టెర్రరిస్టు స్క్వాడ్ (ఏటీఎస్) కమాండోలు కవాతు నిర్వహిస్తున్నారు. ఇక ప్రాణప్రతిష్ఠ కోసం ఆహ్వానాలు అందుకున్న ముఖ్య అతిథులు సోమవారం ఉదయం 10 గంటలకల్లా ఆలయానికి చేరుకుంటారు.
బాలరాముడి ప్రాణప్రతిష్టను పురస్కరించుకుని అయోధ్య రామమందిరాన్ని సోమవారం సాయంత్రం 10 లక్షల దీపాలతో అలంకరించనున్నారు. ఈవిషయాన్ని రామజన్మభూమి ట్రస్టు వెల్లడించింది. రామాలయం, రామ్కీ పైదీ, కనక్ భవన్, గుప్తర్ ఘాట్, సరయూ ఘాట్, లతా మంగేష్కర్ చౌక్, మణిరామ్ దాస్ చవానీ, ఇతర ప్రముఖ ప్రదేశాలతో సహా ఏకంగా 100 ఆలయాల్లో ఈ దీపాలను వెలిగించనున్నట్లు తెలిపింది. దీనికోసం మట్టి ప్రమిదలను ఉపయోగించనున్నారు. శ్రీరాముడి ప్రాణప్రతిష్ఠ సందర్భంగా దేశవ్యాప్తంగా ప్రతి ఒక్కరూ సోమవారం సాయంత్రం వేళ ఇళ్లు, దుకాణాలు, వ్యాపార కార్యాలయాల్లో దీపాలను వెలించాలని ప్రధాని మోడీ ఇప్పటికే పిలుపునిచ్చారు. ఉత్తరప్రదేశ్ ప్రభుత్వం గత ఏడేళ్ల నుంచి అయోధ్యలో దీపోత్సవం నిర్వహిస్తోంది. (ఏజెన్సీలు)