हैदराबाद : तेलंगाना राजधानी की सबसे बड़ी गांधी अस्पताल में दो बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामला अब भी रहस्य बना हुआ है। पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार चार आरोपी बार-बार एक ही बात कह रहे हैं कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।
दूसरी ओर भरोसा केंद्र में रखी गई पीड़िता भी पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है। उसकी लापता बहन का भी अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। चिलकलगुड़ा पुलिस लापता महिला की तलाश कर रही है। इस मामले में तीन आरोपी अब भी फरार है।
गांधी अस्पताल के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद भी दो बहनें कहीं पर नजर नहीं आई हैं। ऐसे हालत में पुलिस इस मामले में आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसी पृष्ठभूमि में मंगलवार शाम को हैदराबाद में सीपी कार्यालय में गांधी अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक आपात बैठक हुई।
इसी क्रम में मरीज के बेटे ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा है कि गांधी अस्पताल रोगी के सहायता के लिए आई उसकी मां और मौसी इस महीने की आठ तारीख से लापता हैं। दर्ज शिकायत में उसने यह भी कहा कि 11 अगस्त को वह अपने पिता को अस्पताल से डिस्चार्ज करके ले गया। हालांकि अस्पताल के रिकॉर्ड और हालात इसके विपरीत दिखाई दे रहे हैं।
किडनी संबंधित मरीज को इसी महीने की 5 तारीख को एएमसी वार्ड में भर्ती कराया गया। मरीज के साथ उसकी पत्नी और मरीज की साली सहायक के रूप आये। सभी तरह की जांच कराने के बाद रोगी को 8 अगस्त को सातवीं मंजिल पर स्थित मेडिकल वार्ड में ले जाया गया। डॉक्टरों ने मरीज की पत्नी को डायलिसिस करने और संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद इलाज शुरू की बात बताई।
गांधी अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उसके पति को डायलसिस करने की जरूरत नहीं कहते हुए 11 तारीख को मरीज की पत्नी ने संबंधित दस्तावेजों पर साइन किया है। इसके बाद रोगी, पत्नी और साली को अस्पताल में देखाई नहीं दिये। अस्पताल के अधिकारियों को कोई जानकारी दिये बिना ही वो रोगी को लेकर चले गये हैं। स्टाफ का कहना है कि मरीज को अस्पताल के रिकॉर्ड में छुट्टी दी गई ऐसा कहीं पर दर्ज नहीं है।
दूसरी ओर पुलिस ने वार्ड, बरामदे और अस्पताल के बाहर लगे कैमरों की गहन जांच पड़ताल की। मगर किसी भी कैमरे में रोगी और दोनों बहनों को आते-जाते दिखाई नहीं दिया। इस महीने की 15 तारीख को केवल मरीज के बेटे को अपनी चाची को ले जाते समय के दृश्य कैमरे में दर्ज है।
डॉक्टरों के कहने के मुताबिक इस महीने की 11 तारीख को मरीज की पत्नी ने डायलिसिस की जरूरत नहीं करते हुए दस्तावेजों पर साइन किया है। इससे स्पष्ट होता है कि मरीज की पत्नी अस्पताल आई थी। लेकिन यहीं पर सबसे बड़ा संप्सेंस है कि सीसीटीवी फुटेज में कहीं पर भी वह और उसकी छोटी बहन दिखाई नहीं दिये।
इसी बीच पुलिस को एक खबर मिली कि दोनों बहनें शाम होते ही अस्पताल के पास बस्ती में सेंधी कंपाउंड में सेंधी पीने आई थी। इसके चलते नगर पुलिस आयुक्त अंजनी कुमार के निर्देश के अनुसार लगभग 10 टीमों ने गांधी अस्पताल के 189 सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ अस्पताल के बाहर और सेंधी कंपाउंड के आसपास स्थापित सीसीटीवी फुटेज की जांच की। लेकिन कोई सबूत नहीं मिला है कि दोनों बहनें सेंधी पीने आई थी। पुलिस का मानना है कि अगर लापता महिला का पता चल जाता है तो मामले का खुलासा हो जाएगा।
अस्पताल में रोगी के चिकित्सा की परिस्थिति और शिकायतकर्ता द्वारा दी गई जानकारी में बहत अंतर है। अब पुलिस इसी संप्सेंस को लेकर जांच में जुट गई है। दुष्कर्म पीड़ित महिला की चिकित्सा जांच की गई है। रिपोर्ट आने पर दुष्कर्म के रहस्य से पर्दा भी उठ जाएगा।
दुष्कर्म की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गांधी अस्पताल के अधीक्षक प्रोफेसर राजाराव ने कहा कि उन्हें घटना के संबंध में पीड़ितों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म की घटना अस्पताल के तहखाने में हुई है। जहां धोबी घाट, सीएलएस कमरे और फार्मेसियां है। विश्वास नहीं होता है कि ऐसे भीड़ भरे तहखाने में दुष्कर्म की घटना हुई है।