हैदराबाद: शराब का आदी हो चुके और हर दिन प्रताड़ित करने वाले बेटे की माता-पिता ने सुपारी देकर हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, क्षत्रिय रामसिंह और रानीबाई खम्मम शहर निवासी हैं। रामसिंह एक स्थानीय आवासीय विद्यालय के प्राचार्य के रूप में कार्यरत हैं। जबकि रानीबाई गृहिणी हैं। दंपत्ति को एक बेटा साईंराम और एक बेटी है। बेटी अमेरिका में बतौर कर्मचारी है। साईराम को छोटी-सी उम्र में ही शराब की लत लग गई थी और वह हर समय अपने माता-पिता को पैसे के लिए परेशान करता था और बुरी तरह से मारपीट करता था। माता-पिता अपने बेटे की प्रताड़ना से तंग आ चुके थे। उन्होंने सोचा कि बेटे को मार डालने पर ही उनके मन को शांति मिलेगी।
इस क्रम में रानीबाई ने अपने छोटे भाई सत्यनारायण से मिलकर बेटे के प्रताड़ित किये जाने की बात बताई। उसने भाई से कहा कि साईराम इस धरती पर रहा तो वे शांति से नहीं रह सकते हैं। भतीजे साईराम द्वारा बहन और बहनोई को प्रताड़ित किये जाने की बात सुनकर सत्यनारायण दुखी हो गया। उसने साईराम को मारने की साजिश रची। इसके लिए मिर्यालगुड़ा मंडल के धीरावत तांडा निवासी रामावत रवि से मदद मांगी और साईराम को हत्या करने का सौदा किया। साईराम की हत्या करने के लिए तैयार हुए रामावत रवि ने अपने परिचित धर्मा को साईराम की हत्या करने की बात बताई। धर्मा दानवत साई, पोनुगोतु नागराजू, बुरुगु रामबाबू से बात की और साईराम को मारने के लिए 8 लाख रुपये का सौदा तय हुआ।
आरोपियों ने नलगोंडा जिले के त्रिपुरारम के कलेपल्ली के पास हत्या की योजना बनाई। खम्मम से भतीजा साईराम के साथ सत्यनारायण और रामावत रवि पिछले महीने की 18 तारीख को कार से कालेपल्ली के लिए रवाना हुए। इससे पहले रास्ते में तीनों ने शराब पी। कल्लेपल्ली मैसम्मा मंदिर के पास आते ही घात लगाये बैठे नागराजू, साईं और रामबाबू जो पहले से ही नशे में थे, कार को रोका और साईराम को कलेपल्ली तालाब के पास घने झाड़ियों में ले गये और उसके गले में रस्सी बांधकर हत्या कर दी। बाद में शव को उसी कार में सूर्यापेट जिले के सुन्यपहाड़ के सीमांत क्षेत्र के मुसी नदी में फेंक दिया गया। हत्या के दिन साईराम के माता-पिता ने आरोपियों को 1.50 लाख रुपये दे दिये। शेष राशि का भुगतान तीन दिन के भीतर करने का आश्वासन दिया।
अगले दिन स्थानीय लोगों ने मुसी नदी में शव को देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अज्ञात शव के रूप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच की गई और पता चला कि हत्या के दिन जिस कार को संदिग्ध रूप से देखा गया वह खम्मम शहर की होने का पता चला। शव की जानकारी मिलने के बाद साईराम के माता-पिता ने पुलिस को बताया कि मुसी नदी में मिला शव उनके बेटे का है। इसके बाद को शव को ले जाकर दफना दिया। पुलिस को शक हुआ कि जिस कार को संदेहास्पद देखा गया था, उसी कार में साईराम के शव को माता-पिता ले गये और दफना दिया। मगर माता-पिता ने बेटे के लापता होने के बारे में थाने में शिकायत भी दर्ज नहीं किया था।
इसके चलते पुलिस ने क्षत्रिय रामसिंह और रानीबाई हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्या का खुलासा हुआ। साईराम के माता-पिता ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ही बेटे की हत्या की हत्या के लिए सुपारी दी है। पुलिस ने साईराम के माता-पिता के साथ कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। एक अन्य आरोपी धर्मा फरार है।