हैदराबाद: तेलंगाना में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता के स्वामी गौड़ और दासोजू श्रवण शुक्रवार को तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRs) में शामिल हो गये है। मुनुगोड़े विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव में वोटरों के बीच पैसे, मांस और शराब बांटे जाने के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
ये नेता टीआरएस (बीआरएस) में शामिल हो गये। इस अवसर पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और आईटी मंत्री के टी रामाराव ने बड़ी संख्या में नेताओं के साथ दोनों नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। तेलंगाना आंदोलन के दौरान एक साथ भाग लिया था।
केटी रामाराव ने स्वामी गौड़ और दासोजू श्रवण को औपचारिक रूप से पार्टी में स्वागत किया। साथ ही कहा कि स्वामी गौड़ ने राज्य के आंदोलन के दौरान तेलंगाना के कर्मचारियों का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्रवण कुमार एक स्व-निर्मित नेता और बुद्धिजीवी हैं।
उन्होंने आगे कहा, “इन दोनों नेताओं ने तेलंगाना के आंदोलन के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हमारी बॉन्डिंग राजनीति से परे है। यह सिर्फ एक घर वापसी समारोह है।” उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग तेलंगाना के आंदोलन के दौरान संघर्ष किया था और सीएम के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व को देखा है, वे समझते हैं कि वह तेलंगाना का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं।
तेलंगाना विधान परिषद के पहले अध्यक्ष बने स्वामी गौड़ ने कहा कि केंद्र में एक राष्ट्रीय पार्टी और सत्तारूढ़ दल होने के बावजूद तेलंगाना से संबंधित मुद्दों का हल करने में विफल रही है। मुख्य रूप से नदी के पानी के बंटवारे और आंध्र प्रदेश के तहत वादों को लागू करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि पुनर्गठन अधिनियम अंतर-राज्यीय जल विवाद सहित इनमें से अधिकांश मुद्दे केंद्र सरकार के दायरे में आते है। इसलिए वह इस उम्मीद के साथ भाजपा में शामिल हुए थे कि एक राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते इन समस्याओं का हल करेगी और तेलंगाना के लोगों से किए गए वादों को पूरा करेगी। मगर ऐसा नहीं हुआ है। इसीलिए फिर से टीआरएस में शामिल हो रहे हैं।