हैदराबाद : सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना में पीडी एक्ट के अमलवारी किये जाने के तौर तरीके पर हैरानगी जताई है। तेलंगाना में पीडी एक्ट के लागू किये जाने के तरीके की कड़ी आलोचना की है। आम धारणा बनी है कि पीडी एक्ट टीआरएस सरकार के लिए वरदान बन गया है।
कोई भी किसी बात को लेकर सवाल करे या छोटे-मोटे पांच मामले हो तो नोटिस दिये बिना एक साल तक जेल में रखने के लिए पीडी एक्ट का इस्तेमाल कियाजा रहा है। इसके चलते तेलंगाना पुलिस विभाग पर पीडी एक्ट का दुरुपयोग करने का आरोप है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान पीडी एक्ट पर आश्चर्य व्यक्त किया है।
मेडचल पुलिस ने शेयर बाजार में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए हैं। इन पांच मामलों में उसे जमानत भी मिल गई। लेकिन उसे पीडी एक्ट की धारा 3 के तहत फिर से पुलिस हिरासत में ले लिया। पुलिस कार्रवाई को लेकर उसकी पत्नी ने शुरू में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उस फैसले से वह संतुष्ट नहीं हुई। उसने हाईकोर्ट के फैसले और पुलिस की कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की। तेलंगाना पुलिस द्वारा पीडी एक्ट को लागू किये जाने के तरीका देखकर आश्चर्य व्यक्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को दौरान पीडी एक्ट को सबसे क्रूर बताया। तेलंगाना में अब तक इस कानून को किसी की ओर से चुनौती नहीं देने पर आश्यर्य व्यक्त किया है। साथ ही खंडपीठ ने सवाल किया कि एक जमानत पर आये व्यक्ति को फिर से हिरासत में कैसे लेते है? कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया।