हैदराबाद: आंध्र प्रदेश की एलुरु पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है जो गरीब परिवारों को निशाना बनाकर धोखाधड़ी कर रहा था। आठवीं कक्षा की लड़की के जन्म से शुरू हुई कहानी दस लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही खत्म हुई। महिला एवं बाल कल्याण विभाग और पुलिस के अधिकारियों के संयुक्त अभियान में चौकाने वाले सच सामने आये हैं।
एलुरु जिले के पेदवेगी मंडल की आठवीं कक्षा की छात्रा तीन महीने पहले प्रसव हुई थी। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारियों ने छात्रा के कन्या शिशु को जन्म दिये जाने की जानकारी मिलने के बाद अस्पताल जाकर इसकी पूछताछ की। हालांकि, तब लड़की के परिवार वालों ने कहा कि वो बच्ची को खुद पालेंगे, तो अधिकारियों ने बच्ची को उन्हें सौंपकर चले गये। छात्रा के कम उम्र में बच्ची को जन्म दिये जाने के कारण अधिकारियों ने तीन महीने बाद मां-बेटियों का हाल जानने के लिए उनके घर गये, तो पता चला कि बच्ची को बेच दिया गया है। यह जानकारी अधिकारी हैरान हो गये। इसके बाद आईसीडीएस और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त जांच अभियान में सामने आया कि इसके पीछे एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है।
पुलिस ने जांच में पाया कि विजयवाड़ा के पायकापुरम निवासी मुवर्ती शारदा, गरिकमुक्कू विजयलक्ष्मी राजू और चिलका दुर्गाभवानी ने एक गिरोह बनाया और निःसंतान वालों की पहचान करके उन्हें बच्चे बेचते थे। इसके लिए यह गिरोह गरीब परिवारों को निशाना बनाते और छोटे बच्चों को पैसे देकर ले जाते थे। साथ ही गरीब महिलाओं की सरोगेट गर्भधारण के माध्यम से भी बच्चों को बेचते थे। पुलिस ने यह भी बताया कि बापटला जिले के चुंडूर के एक निजी अस्पताल में नर्स का काम करने वाली ताडिगिरी झांसी राणी इस गिरोह को सहयोग करती थी।
इसी क्रम में पेदवेगी मंडल की लड़की (आठवीं कक्षा की छात्रा) के पास बच्ची होने की खबर पाकर गिरोह ने गुंटूर जिले के सैयद गौस्या बेगम को 2.70 लाख रुपये में बेच दिया। इस सौदे में अम्मपालेम निवासी नागामणि नामक महिला ने इस गिरोह को सहयोग किया। एलुरु जिला पुलिस अधीक्षक राहुलदेव शर्मा ने मीडिया को बताया कि इस गिरोह में दस आरोपी शामिल हैं। उनकी पहचान करने के बाद गिरफ्तार किया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।