हैदराबाद: 17 जून को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन में आगजनी और तोड़फोड़ मामले की रिमांड रिपोर्ट में अहम जानकारी सामने आई हैं। रिमांड रिपोर्ट में पुलिस ने बताया कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन में आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में कुल 56 सेना के उम्मीदवारों को आरोपी ठहराया गया है। पहले आरोपी के साथ ए13 से ए56 तक गिरफ्तार किया गया। ए2 से ए12 तक अब भी आरोपी फरार हैं।
इस मामले में मुख्य आरोपी (ए1) के रूप में मधुसूदन की पहचान की गई है। पुलिस ने सिकंदराबाद आगजनी में चश्मदीद गवाह के रूप में 18 लोगों को शामिल किया है। पुलिस ने पाया कि 56 आरोपियों ने शारीरिक और चिकित्सा फिटनेस हासिल कर ली थी। नौकरी की तलाश में थे। अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद सेना के उम्मीदवारों ने केंद्र सरकार के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया।
रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक, सेना के उम्मीदवारों ने रेलवे स्टेशन ब्लॉक ग्रुप, इंडियन आर्मी ग्रुप, हकीम पेट आर्मी सोल्जर्स ग्रुप, चलो सिकंदराबाद ARO3 ग्रुप, आर्मी GD2021 मार्च रैली ग्रुप, सीईई सोल्जर व्हाट्सएप ग्रुप बनाये। पुलिस ने बताया कि इस ग्रुप ने सिकंदराबाद स्टेशन में आगजनी और तोड़फोड़ करने की योजना बनाई। पुलिस ने यह भी बताया कि सेना के उम्मीदवारों को कई निजी रक्षा अकादमियों का सहयोग रहा है। सभी ने योजना के तहत सुबह 8.30 बजे सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन मिलने का फैसला किया।
मामला सिट के हवाले
इसी क्रम में इस मामले को रेलवे पुलिस ने सिट के हवाले कर दी है। साथ ही पुलिस ने कहा कि इस आगजनी मामले में 16 निजी रक्षा एकाडेमी केंद्रों की भूमिका है।