हैदराबाद: संक्रांति पर्व के लिए अपने-अपने गावों को चले जाने के कारण भले ही हैदराबाद शहर आधा खाली हो गया है। मगर यहां के लोगों ने त्योहार का खूब लुत्फ उठाया है। कोरोना के मद्देनजर बाहर जाने के डर से कई लोग अपने घरों में कैद रहे हैं। लेकिन खाने को लेकर कोई समझौता नहीं किया है। शुक्रवार से रविवार तक शहर में करीब 60 लाख किलोग्राम चिकन और 15 लाख किलोग्राम मटन की बिक्री हुई हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हैदराबाद के लोगों ने संक्रांति त्योहार पर कितना मजा उठाया है।
चिकन
हैदराबाद में एक किलोग्राम मटन की कीमत 800-900 रुपये और एक किलोग्राम चिकन की कीमत 220-240 रुपये के बीच है। इसके चलते हैदराबाद के लोगों का झुकाव चिकन की तरफ हो गया। व्यापारियों ने बताया कि आमतौर पर ग्रेटर में हर दिन लगभग 10 लाखकिलोग्राम चिकन की खपत होती है। आधी से अधिक आबादी संक्रांति त्योहार मनाने के लिए अपने-अपने गांवों को गये। इसके कारण चिकन और मटन की बिक्री में गिरावट आनी चाहिए। लेकिन अप्रत्याशित रूप से शुक्रवार, शनिवार और रविवार को 60 लाख किलोग्राम चिकन और 15 लाख किलोग्राम मटन की बिक्री होना चौंकाने वाली बात है। कारोबारियों बताया कि रविवार को एक दिन में 30 लाख किलोग्राम चिकन और 5 लाख किलोग्राम मटन की बिक्री हुई है।
मटन
इसी क्रम में अधिक कीमत होने के बावजूद नगवासियों ने मटन खाने को पसंद किया है। आम दिनों में 2 लाख किलोग्राम मटन बिकता है। व्यापारियों ने बताया कि रविवार को शहर के लोगों ने 5 लाख किलोग्राम मटन खरीदा है। कारोबारियों का अनुमान है कि हैदराबाद में पिछले तीन दिनों में करीब 10-15 लाख किलो मटन बिका है।
शराब की बिक्री
दूसरी ओर यह भी बताया गया है कि शराब की भी खूब बिक्री हुई है। हैदराबाद में एक तरफ पतंगबाजी तो दूसरी तरफ डीजे की धूम रही है। चिकन-मटन के साथ जाम भी छलका है। अधिकतर लोगों के चेहरे पर ना मास्क था और ना ही कोई ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया। लोगों को देखकर लग रहा था कि आखिर कोरोना कहां है? कुल मिलाकर संक्रांति आ बैल मुझे मार जैसी रही है।