हैदराबाद : भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा ने कहा कि हैदराबाद में मध्यस्थता केंद्र (arbitration centre) स्थापित किया जाना बहुत खुश की बात हैं। सिंगापुर के चीफ जस्टिस से भी इस बारे में बातचीत की है। वे भी सहयोग का आश्वासन दिया है। लंबित मामलों की त्वरित सुनवाई की उम्मीद है। मध्यस्थता के जरिए जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण ने भी कौरवों और पांडवों के बीच मध्यस्थता की थी।
सीजेआई जस्टिस एनवी रमणा ने मुख्यमंत्री केसीआर के साथ हैदराबाद के एचआईसीसी नोवोटेल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता और मध्यस्थता केंद्र (आईएएमसी) सम्मेलन में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अदालतों में आने से पहले ही मध्यस्थता के जरिए समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। महाभारत में भी मध्यस्थता का उल्लेख मिलता है। अदालत में आना अंतिम उपाय होना चाहिए। परामर्श से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
CJI ने सुझाव दिया कि संपत्ति का बंटवारा परिवार के सदस्यों के जरिए सौहार्दपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। सालोंसाल अदालतों के चक्कर काटने के कारण समय बर्बाद हो जाता है। “40 वर्षों के अनुभव के आधार पर बता रहा हूं मध्यस्थता अंतिम चरण में होनी चाहिए।” अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के लिए हैदराबाद सही जगह है। साथ ही सुझाव दिया जाता है कि महिलाएं जितना हो सके विवादों को मध्यस्थता से सुलझाएं। CJI ने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श से परस्पर स्वीकार्य समाधान संभव है।
सीजेआई आगे कहा कि विकासशील शहरों में हैदराबाद नंबर वन है। तेलंगाना के लोग किसी भी चीज का स्वागत करते हैं। जून में सीएम केसीआर के साथ मध्यस्थता केंद्र के बारे में चर्चा की तो अच्छा सहयोग मिया। 18 दिसंबर को एक नये मध्यस्थता केंद्र का शुभारंभ किया जाएगा। CJI ने जोर देकर कहा कि मध्यस्थता केंद्र की स्थापना में न्यायमूर्ति हिमा कोहली का योगदान अविस्मरणीय रहा है। इस कार्यक्रम में राज्य के मंत्री, गणमान्य व्यक्ति, अदालत के अधिकारी और अन्य उपस्थित थे।