हैदराबाद: स्वर्णिम तेलंगाना में 2014 से 2020 तक 5,591 किसानों ने आत्महत्या कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मंगलवार को संसद में सांसद रेवंत रेड्डी के एक सवाल का जवाब में यह बात कही।
हालांकि, पृथक तेलंगाना गठन के साल 2014 में 898 किसानों ने आत्महत्या की है। इसके बाद 2015 में 1,358 किसानों ने आत्महत्या की। इसके अलावा साला 2016 में 632 किसान, 2017 में 846, 2018 में 900, 2019 में 491 और 2020 में 466 किसानों ने आत्महत्या की हैं।
दूसरी ओर टीआरएस नेता सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं कि सीएम केसीआर द्वारा लाई गई योजनाओं से तेलंगाना में किसानों की आत्महत्या में कमी आई है।
हालांकि, इन नेताओं के पोस्टों के जवाब में नेटिज़न्स सवाल कर रहे है कि सरकारी योजनाओं से किसानों की आत्महत्याओं में कमी आनी चाहिए। फिर साल 2014 से 2020 में 5,591 किसानों की आत्महत्या करने का क्या मतलब है?