अयोध्या में ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया का अधिवेशन, डॉ अहिल्या मिश्र ने श्रीराम के लोकतंत्र मूल्यों को इस तरह समझाया

हैदराबाद: ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली एवं साकेत महाविद्यालय अयोध्या के तत्वावधान में ४८ वें अधिवेशन का आयोजन दिनांक २२ एवं २३ मार्च को रामलला की नगरी अयोध्या स्थित साकेत महाविद्यालय के कामता प्रसाद सुंदर लाल, साकेत स्नातकोत्तर सभागार में सम्पन्न हुआ। “रामकथा की व्यापकता” विषय पर दो दिनों तक राष्ट्रीय स्तर के संगोष्ठी में क़रीब १३० लेखकों एवं विचारकों ने इस मंथन कार्य में अपना सक्रिय योगदान दिया। सांस्कृतिक मूल्यों एवं चिंतन मनन के उत्तम स्वरूप के साथ यह अधिवेशन लेखक वर्ग हेतु रामलला के दर्शन का उपहार भी लेने में समर्थ रहे।

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता हैदराबद तेलंगाना की वरिष्ठ साहित्यकार एवं ए जी आई हैदराबाद चैप्टर की संयोजिका डॉ अहिल्या मिश्र ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जहाँ राजतंत्र के राजवंश में पैदा हुए श्रीराम ने लोकतंत्र के मूल्यों को स्थापना कर वन्य जीवन – पशु पक्षियों के साथ भी सौहार्द्र निभाया। वही उन्होंने केवट एवं भीलनी शबरी के प्रसंगों के माध्यम से आर्यावर्त में समरसता एवं समभाव तथा मानव मात्र के एकता की दृढ़ता को स्थापित किया। अतः आज भी श्रीराम भारतीयों के हृदय में विद्यमान है।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि अयोध्या नगर के मेयर डॉ गिरीश पति त्रिपाठी ने श्रीराम के विराट स्वरूप और अयोध्या में मात्र बचपन के अलावे सारे जीवन जीवन बाहर में बिताते हुए वन्य प्राणी एवं सत्ता की सुरक्षा पर बात रखी। विशिष्ट अतिथि प्रो दान पति तिवारी प्राचार्य साकेत महाविद्यालय ने श्रीराम राज्य के भौगोलिक विस्तार को पूर्ण विस्तार से उल्लेखित किया।

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सत्र के दूसरे विशेष अतिथि डॉ जनमेजय तिवारी ने श्रीराम कथा में स्थित लोकतांत्रिक मूल्यों पर प्रकाश डाला। पटना बिहार से पधारे माननीय सदस्य, लोकसेवा आयोग बिहार, प्रो अरुण भगत ने रामकथा पर विचार रखते हुए गुरु वशिष्ठ आश्रम एवं युवा होने पर गुरु विश्वामित्र के साथ वन-गमन आदि पर अपनी बात समाप्त की। ए जी आई के महासचिव डॉ शिवशंकर अवस्थी ने ५० वर्ष की संस्था का परिचय देते हुए संस्था के विस्तार एवं क्रिया कलाप पर भी बात रखी एवं कार्यक्रम का संचालन किया।

संस्था के अध्यक्ष पद्मश्री श्याम सिंह शशि के फरवरी माह में निधन होने के कारण इन्हें सभागार में सभी बुद्धिजीवियों एवं उपस्थित लोगों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में डॉ आशा मिश्र ‘मुक्ता’ द्वारा सम्पादित डॉ अहिल्या मिश्र के आत्म परिचय (साहित्यिक सामाजिक आधार पर) तथा हैदराबाद की युवा कवयित्री शिल्पी भटनागर द्वारा लिखित पुस्तक “संध्या सिंदूर” के साथ लगभग २५ पुस्तकों का लोकार्पण उद्घाटन सत्र में उपस्थित अतिथियों द्वारा संपन्न हुआ। तत्पश्चात् करीब पाँच सत्रों में परिचर्चा सम्पन्न हुई। प्रो हरि सिंह पाल, मंत्री, नागरी लिपि परिषद एवं सौरभ पत्रिका के संपादक के साथ कईयों ने सत्र की अध्यक्षता की।

सायंकाल पाँच बजे से एक बहुभाषी कवि सम्मेलन डॉ उषा दुबे , जबलपुर महिला कॉलेज की पूर्व प्राचार्या की अध्यक्षता एवं डॉ अशोक ज्योति, बी एच यू, हिंदी विभाग, नरेद्र परिहार संयोजक नागपुर ए जी आई चैप्टर के सान्निध्य में तथा डॉ आशा मिश्र मुक्ता’ के सरस एवं भावपूर्ण संचालन में संपन्न हुआ। इसमें हैदराबाद, चेन्नई, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, आगरा, देहरादून, नई दिल्ली, गोवा आदि से पधारे सदस्यों ने हिंदी, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, मराठी, तमिल, अंग्रेजी आदि भाषाओं में काव्य पाठ किया। राजेंद्र मिलन, राधेश्याम बंधु, बाबा कानपुरी जैसे दिग्गज कवियों की उपस्थिति से काव्य संध्या मनोरम बनी।

दूसरे दिन के सत्रों में किरण पोर्कर गोवा चैप्टर, वर्गीस केरल चैप्टर आदि ने संगोष्ठी का संचालन किया। ए जी एम साधारण सभा में श्री हरिसिंह पाल ने अध्यक्षता की। संदीप शर्मा कार्यकारिणी सदस्य एवं सभी १२ चैप्टर के संयोजक मंचासीन हुए। इस सत्र का संचालन महासचिव डॉ शिवशंकर अवस्थी ने किया। सभी चैप्टरों के संयोजक ने अपने चैप्टर के द्वारा सम्पादित कार्यों का विवरण दिया। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि डॉ सरोजिनी प्रीतम उपाध्यक्ष ए जी आई नई दिल्ली को अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया जाए। चेन्नई चैप्टर के संयोजक द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान एवं मुख्यालय द्वारा स्मृति चिह्न भेंट कर कार्यक्रम संपन्न हुआ। शहर दर्शन का कार्य संस्था द्वारा किया गया।

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