हैदराबाद: मंत्री केटीआर ने नये सांसद भवन का नाम डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर का नाम रखने का प्रस्ताव तेलंगाना विधानसभा में पेश किया। विधानसभा सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को केटीआर ने कहा कि डॉ बीआर अम्बेडकर स्वतंत्रता और समानता चाहने वाले व्यक्ति थे।
उन्होंने कहा कि पृथक तेलंगाना का गठन अम्बेडकर द्वारा लिखित संविधान के कारण साकर हो पाया है। तेलंगाना सरकार अंबेडकर के दिखाए गये रास्ते पर चल रहा है। उन्होंने मांग की कि भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक संसद भवन का नाम डॉ बीआर अम्बेडकर के नाम पर रखा जाना चाहिए।
केटीआर ने कहा कि टीआरएस सरकार अंबेडकर के तत्व को आचरण में कर दिखा रही है। भारतीय लोकतंत्र के प्रतीक संसद भवन का नाम अम्बेडकर के नाम पर रखा जाना चाहिए। केटीआर ने याद दिलाया कि अंबेडकर ही वह शख्स हैं जिन्होंने कहा था कि अगर उनके द्वारा लिखे गए संविधान का गलत इस्तेमाल हुआ तो वह पहले उसे जलाएंगे।
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कांग्रेस के सीएलपी नेता भट्टी विक्रमार्क ने कहा कि वे सर्वसम्मति से मंत्री केटीआर द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए समर्थन कर रहे हैं। नए संसद भवन का नाम अम्बेडकर रखा जाना चाहिए। भट्टी ने आलोचना की कि अम्बेडकर ने स्वतंत्रता और समानता के लिए लड़ाई लड़े थे। लेकिन अब कोई भी स्वतंत्र रूप से बोलता है उस पर आईटी के छापों का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि नये संसद भवन का नाम अंबेडकर रखा जाये। विश्वास है कि ऐसा होने पर देश का निर्माण अच्छी तरह से चलेगा। इसी क्रम में भट्टी ने पंजागुट्टा में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की।
पंजागुट्टा में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित किये जाने की भट्टी विक्रमार्क की मांग पर मंत्री केटीआर ने जवाब दिया। मंत्री ने कहा कि तेलंगाना के साथ-साथ पूरे देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए 125 फीट की अंबेडकर की मूर्ति स्थापित की जाएगी। हालांकि, पंजागुट्टा के बजाय टैंक बंड के पास अंबेडकर की प्रतिमा का निर्माण चल रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल हम सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के चलते पंजागुट्टा में अंबेडकर की प्रतिमा नहीं बना पा रहे हैं।