World Meditation Day is a day that aims to promote the practice of meditation and its benefits for individuals and the world. It is celebrated annually on May 21st and was first observed in 2017. The importance of World Meditation Day lies in its potential to raise awareness about the benefits of meditation, which include reduced stress, increased focus and concentration, improved emotional well-being, and a greater sense of inner peace and calm. In addition to its benefits for individuals, meditation has also been shown to have positive effects on the wider community and the world at large, such as reducing conflict and promoting greater compassion and empathy.
हमारे जीवन में ध्यान (मेडिटेशन) अहम होता है। यह ध्यान सबसे अधिक महत्वपूर्ण होना भी चाहिए। क्योंकि ध्यान से हमें एक नैतिक शक्ति मिलती है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व ध्यान दिवस मनाया जाता है। ध्यान से मानसिक, भावनात्मक एवं शारीरिक लाभ मिलता है। इसीलिए ध्यान की ओर जोर दिया जाता है। मेडिटेशन से अनेक लाभ हैं। सबसे अहम मन को शांति मिलती है। कहते हैं कि जब ध्यान लगाने बैठते हैं, तो मन में अनेक प्रकार के विचार आने लगते हैं। कुछ पूर्व के आते हैं, तो कुछ भविष्य को लेकर चिंताएं होती है। अभी हमने क्या किया इस पर भी मनन चिंतन होता रहता है। कईं बार तो अनजाने में कुछ गलती हो जाती है, तो वह हमारे दिमाग पर इतना अधिक असर डालती है कि हम उसी के बारे में सोचते रहते हैं।
आजकल हर आदमी इतना व्यस्त है कि उसके पास समय ही नहीं है। इसके चलते न वह समय पर खाता है और न पी पीता है और न ही ठीक ढंग से सो पाता है न अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान दे पाता है। अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए भाग दौड़ में व्यस्त रहता है। इसी वजह से शरीर में बीमारियां बढ़ने लगती है। दिमाग में अधिक सोचने की वजह से मानसिक परेशानी भी पैदा होने लगती है। फिर भी धीरे-धीरे ध्यान योग की तरफ ध्यान दिया जाए। अपना मन केवल ध्यान पर केंद्रित किया जाए तो अवश्य ही लाभ होगा। इधर-उधर के आने वाले विचारों को विराम लगता है। इस प्रक्रिया से मन में शांति प्राप्त होती है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को 193 सदस्यों द्वारा महासभा में सर्वसम्मति से ध्यान दिवस प्रस्ताव पारित किया। भारत द्वारा सह प्रयोजन प्रस्ताव दिया था और यह मुख्य देशों के समूह का हिस्सा रहा। भारत द्वारा वसुधैव कुटुंबकम की भावना लेते हुए मानव कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए एवं अपने संकल्प को दोहराते हुए प्रस्ताव के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विश्व ध्यान दिवस घोषित किया। 2024 की विश्व ध्यान दिवस की थीम-“आंतरिक शांति वैश्विक सद्भाव” है। मानसिक तथा आंतरिक मन की शांति के लिए ध्यान लगाने के लिए जागृत करना है। इससे उनके जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़े और शांति कायम रहे।
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ध्यान करने से चिंता कम होती है। एकाग्रता बढ़ती है। मनोदशा और खुशहाली बढ़ाने में मदद होती है। रक्तचाप में लाभ होता है। आत्म जागरूकता बढ़ती है। मस्तिष्क का दर्द अनुभव क्षेत्र में कम सक्रिय हो जाता है। अनुशासन विकसित होता है। नशे की लत से छुटकारा प्राप्त होता है। वही ध्यान करने से मृत्यु दर का खतरा भी कम हो जाता है। इसको निरंतर समय पर किया जाए तो यह सब लाभ मिल जाते हैं। इसीलिए आजकल अनेक संस्थान मेडिटेशन करने के लिए अग्रणीय है। इससे लोगों में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते है। इससे लोग आज उसमें निरंतर जुड़ते जा रहे हैं। थकावट से हारकर मनुष्य घूमने फिरने की जगह कुछ शांति की तलाश करता है। कुछ मेडिटेशन केंद्र लोगों के जीवन सुधारने में सहायक हो रहे हैं और उनको आध्यात्मिक शिक्षा दे रहे हैं।
हिमालय में बसा ब्लू मैंगो एक ऐसा केंद्र है, जो जंगलों के बीच में लुभावनी दृश्य के साथ बौद्ध संस्कृति लिए हुए अनेक तकनीक द्वारा उपचार प्रदान करता है। शहरी जीवन की हलचल से दूर ओशो ध्यान रिजॉर्ट रेगिस्तान के बीच में एक हरियाली की तरह स्थित है। यहां ओशो के विचार के साथ तन और मन को कैसे शांत करते हैं सिखलाया जाता है। बेंगलुरु से 36 किलोमीटर दूर पनागिरी पहाड़ियों में द आर्ट ऑफ़ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र है। ध्यान और योग से जीवन पद्धति में सुधार होता है। महान संत दलाई लामा के जन्म स्थान पर धर्मशाला में तुषिता ध्यान केंद्र स्थापित है। यहां चुप्पी की विधि का उपयोग करके शांत रहकर बिना बोले ऊर्जा का सही प्रयोग करना सिखाया जाता है।
दक्षिण भारत में नीलगिरी पर्वत पर आयुर्वेदिक योग ध्यान रिजॉर्ट भारतीय चिकित्सा आयुर्वेद के पारंपरिक तरीकों की खोज में यहां पर आध्यात्मिक और मानसिक विश्राम के लिए दिन का समापन ध्यान के साथ होता है। तन मन शांत करने के लिए योग विद्या आध्यात्मिक केंद्र केरल में हैं। देश के गंभीर ध्यान केंद्रों में से एक केंद्र विपशयना ध्यान केंद्र देहरादून में है। यहां आत्मा को शांत कर तनाव से मुक्ति पाने की शिक्षा दी जाती है। आजकल अनेक स्थानों पर विपशयना के केंद्र खुल गए हैं। ऐसे अनेक केंद्र है जहां ध्यान योग कर के मनुष्य के लिए कष्टों से निवारण के लिए ध्यान योग कराया जाता है। हर शहर में ब्रह्मकुमारी के आध्यात्मिक केंद्र खुले हुए हैं जहां पर भी मेडिटेशन कराए जाते हैं। इसमें मन को शांत करने की विधि बताई जाती है।
इसीलिए आज मनुष्य भीडवाड़ वाली जगह से हटकर शांति के लिए इन केंद्रों में काफी संख्या में पहुंच रहे हैं और ध्यान लगाकर अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर रहे हैं। यही ध्यान योग दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि जो वहां तक न पहुंच पाएं वह अपने घर पर ही प्रतिदिन ध्यान लगाएं। जो व्यक्ति ध्यान मेडिटेशन का अभ्यस्त हो जाता है वह एक सुखी जीवन, शांत जीवन और ऊल जलूल की बातों से दूर हो जाता है।
शांत जीवन सुलभ आसान।
बस करना कुछ समय ध्यान।।
के पी अग्रवाल हैदराबाद