हैदराबाद: सुप्रतिष्ठित वरिष्ठ लेखिका / कवयित्री डॉ रमा द्विवेदी की बहुचर्चित सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ लघुकथा संग्रह को विद्योत्तमा फाउंडेशन, नाशिक ने ‘विद्योत्तमा साहित्य सुधाकर सम्मान-2023’ और 3100 रुपये राशि प्रदान की जाएगी। विद्योत्तमा फाउंडेशन देश की एक प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था है। यह संस्था पिछले कई वर्षों से यह संस्था देश के सुप्रतिष्ठित साहित्यकारों की श्रेष्ठ साहित्यिक कृतियों को पुरस्कृत करती आ रही है| इस वर्ष भी हिंदी की समस्त विधाओं की एवं कथा साहित्य पर आमंत्रित प्रविष्ठियों के अंतर्गत संस्था की अपनी चयन प्रक्रिया के द्वारा डॉ रमा द्विवेदी की सद्यः प्रकाशित लघुकथा संग्रह ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ का चयन किया गया हैं।
विद्योत्तमा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ सुबोध मिश्र ने चयन प्रक्रिया एवं कार्यक्रम के विषय में बताया कि उनकी संस्था प्रतिवर्ष प्रविष्ठियाँ आमंत्रित करती है और उनमें से श्रेष्ठ कृतियों का चयन समिति के निर्णायक सदस्यों द्वारा सतर्कता से किया जाता है और उन्हें पुरस्कृत किया जाता है| निर्णायक सदस्यों ने कथा साहित्य के निर्धारित नियमों के अंतर्गत डॉ रमा द्विवेदी की पुस्तक ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ को विद्योत्तमा साहित्य सुधाकर सम्मान-2023 प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि डॉ रमा द्विवेदी मूलतः कवयित्री हैं और काव्य की समस्त विधाओं में सृजन करती हैं | `मैं द्रौपदी नहीं हूँ ‘ लघुकथा संग्रह गद्य लेखन में उनकी यह पहली पुस्तक है और इस पुस्तक को यह प्रथम पुरस्कार है। इसलिए भी यह पुरस्कार महत्वपूर्ण हो जाता है| ‘मैं द्रौपदी नहीं हूँ’ संग्रह में नारी मन की पीड़ा, सामाजिक विसंगतियाँ-विडम्बनाएँ, अन्धविश्वास-रूढ़िवादी परम्पराओं में पिसती स्त्री एवं अत्याधुनिक युगबोध से उपजे प्रश्न एवं संभावित विमर्श को चित्रित किया गया है| युवा उत्कर्ष साहित्यिक संस्था (तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश इकाई) की अध्यक्ष डॉ रमा द्विवेदी को पहले भी उनकी साहित्यिक कृतियों के लिए अनेकों पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
विद्योत्तमा फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ सुबोध मिश्र ने बताया कि यह कार्यक्रम 14 जनवरी 2024 को नाशिक स्थित होटल थीम प्लाजा में एक भव्य समारोह में सभी साहित्यकारों के साथ डॉ रमा द्विवेदी को भी सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने साहित्यकारों से सम्मान कार्यक्रम में भाग लेकर सफल बनाने की अपील की है।