हैदराबाद: अमेरिका में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले है। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रेसिडेंशियल डिबेट से पहले हुए वर्चुअल कॉइन टॉस में जीत डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराया। हालांकि, इसके बाद जो कुछ डिबेट के दौरान हुआ, उसमें हैरिस ट्रंप के नरेटिव में ही उन्हें घेरती नजर आई। 90 मिनट चली इस बहस में कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई। कमला हैरिस के ट्रंप को लेकर हमले खासे आक्रामक थे। ट्रंप के खिलाफ क्रिमिनल केस से लेकर कैपिटल हिल की घटना तक, उन्होंने ट्रंप को कई बार घेरा। ये हैरिस की ट्रंप को उकसाने की रणनीति का हिस्सा थी।
फिर भी ध्यान देने वाली बात ये है कि अपनी पहली प्रेजिडेंशियल बहस में हैरिस का तरीका कुछ महीने पहले हुई बहस में बाइडेन के रवैये से अलग रहा। इमीग्रेशन से लेकर फॉरेन पॉलिसी, इकोनमी और हेल्थ और अबॉर्शन जैसे मुद्दे डिबेट में छाए रहे। डिबेट के बाद तुरंत कराए गए सीएनएन के पोल में डिबेट देखने वालों ने माना कि कमला हैरिस के जवाब ट्रंप की तुलना में ज्यादा बेहतर रहे है। 63 फीसदी लोगों ने इस पोल में कमला हैरिस के पक्ष में मतदान किया है। जबकि 37 फीसदी लोगों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तर्कों को सही से रखा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण की शुरुआत इकोनमी को लेकर की। ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन पर इकोनमी के खस्ताहाल करने का आरोप लगाया। हालांकि हैरिस ने पलटवार करते हुए याद दिलाया कि ट्रंप प्रशासन ने देश को कैसे किस अर्थव्यवस्था के साथ छोड़ा था। इसके साथ ही डिबेट में निजी हमले भी दोनों ओर से ही दिखे। ट्रंप ने पहले की तरह दोहराया कि हैरिस मार्क्सवादी हैं, तो हैरिस ने ट्रंप को एक ऐसा शख्स करार दिया जो कि अमेरिका को पीछे धकेलना चाहता है। ट्रंप ने कहा कि हैरिस के पिता एक मार्क्सवादी प्रोफेसर थे और उन्होंने कमला को इसकी बेहतर शिक्षा दी है। बहस के दौरान हैरिस कई बार ट्रंप को बीच में टोकती दिखाई दी और ट्रंप कई बार हैरिस पर व्यंग और हमले करते दिखे कि आखिर उनकी रैलियों में लोग पहले ही क्यों चले जाते हैं। हैरिस ने ये भी कहा कि त्रासद है कि ऐसा शख्स राष्ट्रपति बनना चाहता है, जिसने हमेशा अमेरिका को नस्ली आधार पर बांटने की कोशिश की है।
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इस बहस के दौरान अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की निकासी, रूस-यूक्रेन संघर्ष और गाजा के हालात के मसले भी गूंजे। रूस यूक्रेन वॉर पर ट्रंप ने बाइ़डेन प्रशासन को निशाने पर लिया। ये भी दावा किया कि जेलेंस्की और पुतिन बहुत अच्छी तरह से जानते हैं और वो पांच नवंबर को आम चुनाव में जीतते हैं तो रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करेंगे। हैरिस ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते तो पुतिन कीव में बैठे होते और यूरोप के बाकी हिस्सों पर उनकी नजर होती। गाजा में युद्ध को लेकर हैरिस ने इजरायल के खुद के बचाव के अधिकार का समर्थन किया। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सीजफायर और टू नेशन सॉल्यूशन की भी बात की।
ट्रंप ने हैरिस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वो इजरायल से नफरत करती हैं। इस डिबेट में चीन का भी कई बार जिक्र हुआ। हैरिस ने कहा कि दुनिया के नेता उनका मजाक बनाते हैं, हालांकि ट्रंप ने इसका जवाब देते हुए कहा कि हंगरी के विक्टर ऑर्बन उनके सपोर्ट में हैं, जिसे लेकर हैरिस ने पलटवार करते हुए कहा कि ट्रंप तानाशाहों को पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरिया के लीडर किम जोंग उन का नाम लेकर कहा कि सब जानते हैं कि दोनों एक दूसरे को लव लेटर्स साझा किया करते थे।
डोनाल्ड ट्रंप पर किए गए तीखे सवालों के जरिए हैरिस ने ये साफतौर पर बाईने की अलोकप्रियता से खुद को अलग करने की कोशिश की। हैरिस ने लेट्स टर्न द पेज जैसे जुमले का कई बार जिक्र किया। साथ ही उन्होंने अपनी नीतियों को लेकर बहुत खुलासा नहीं किया। हालांकि ट्रंप ने उन्हें बाइडेन प्रशासन की नाकामियों से जोड़ा। उन्होंने बार बार हैरिस से पूछा कि वो जो भी इस डिबेट में कह रही थी वो उन्होंने बतौर उपराष्ट्रपति अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में लागू क्यों नहीं किया। इस पर हैरिस ने ये कहकर उन्हें चुप किया कि ना तो मैं जो बाइडेन हूं और ना ही ट्रंप मैं इस देश को नई लीडरशिप की पेशकश कर रही हूं।
सबसे अहम अबॉर्शन राइट्स एक ऐसा विषय रहा, जहां कमला बेहद भावुक दिखी। दोनों नेताओं ने अपने अपने दावों को सही और दूसरे को गलत बताया। ट्रंप ने कहा कि आप लोग मानते हैं कि 9वें महीने में अबॉर्शन कराने या बच्चे को पैदा होने के बाद मारने में कोई परेशानी नहीं है। इस पर कमला ने कहा कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं और उन्हीं की वजह से यूए के 20 राज्यों में गर्भपात पर बैन लगा है और रेप विक्टिमस को अपने फैसले लेने में दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा प्रेग्नेंट महिलाओं को इलाज के लिए दूसरे राज्यों में जाना पडता है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हैरिस ने कहा कि अगर ट्रंप प्रेसिडेंट बनते हैं तो एक राष्ट्रीय गर्भपात निगरानी तंत्र होगा जो आपकी गर्भावस्था, जो आपके गर्भपात की निगरानी करेगा।
इस बहस में भारत का जिक्र नहीं आया। हैरिस और ट्रंप की इस डिबेट में भारत का किसी तरह का जिक्र नहीं था। ना ही नेगेटिव और ना ही पॉजिटिव। भारत की ओर से इसे एक तरह से राहत भरा ही माना जा सकता है। हालांकि चिप इंडस्ट्री समेत दूसरे मुद्दों को लेकर चीन का जिस तरह से नाम सामने आया, उससे ये जाहिर है कि अमेरिकी राजनीति और समाज की ओर से चीन को बतौर एक कॉम्पिटिटर देखना जारी ही रहेगा। चीन के परिप्रेक्ष्य में अमेरिकी विदेश नीति में भारत की प्राथमिकता भी कायम ही रहेगी। एक हैरानी की बात ये दिखी की जहां पुतिन ने राष्ट्रपति पद के लिए हैरिस का समर्थन किया, वहां डिबेट में हैरिस पुतिन को लेकर काफी हमलावर रही है। (एजेंसियां)