हैदराबाद: ऑथर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली का अपने सभी चैप्टरों के बहुसंख्यक सदस्य संख्या के साथ क़रीब तीन वर्ष बाद 45वाँ वार्षिक सम्मेलन ब्रह्मविद भ्रम ग्लोबल स्कूल परिसर रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य में सम्पन्न हुआ। इसमें हैदराबाद चैप्टर, बेंगलुरु चैप्टर, केरल चैप्टर, गोवा चैप्टर, नागपुर चैप्टर, जबलपुर चैप्टर, आगरा चैप्टर, दिल्ली चैप्टर एवं चेन्नई चैप्टर से क़रीब 130 सदस्यों के साथ नवीन स्थापित रायपुर चैप्टर के स्थानीय सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान अपने लेखन के प्रति विचार विमर्श एवं निर्धारित विषय पर प्रपत्र प्रस्तुत कर चिंतन मनन किया गया।
उद्घाटन सत्र में पूर्व शिक्षा मंत्री एवं माननीय विधायक सत्यनारायण शर्मा मुख्य अतिथि, डॉक्टर केशरी लाल वर्मा कुलपति, रविशंकर विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, डॉक्टर सुशील त्रिवेदी संपादक छत्तीसगढ़ मित्र, गिरीश पंकज संपादक सद्भावना दर्पण, डॉक्टर शिव शंकर अवस्थी महासचिव ए जी आई, डॉ अहिल्या मिश्र प्रधान संपादक पुष्पक साहित्यकी एवं हैदराबाद चैप्टर कन्वीनर मंचासीन हुए। दीप प्रज्वलन, सरस्वती वंदना के साथ छत्तीसगढ़ राज्य का राज्यगीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अमृत महोत्सव (स्वाधीनता के 75वें वर्ष) के उपलक्ष्य में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भारतीय भाषाओं के साहित्य एवं पत्रकारिता की भूमिका विषय रखा गया था।
डॉक्टर के एल वर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में देश के क़लम कारों के योगदान को उल्लेखित करते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्रता संघर्ष में इनके महत्ती भूमिका रही है। मुख्य अतिथि सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि आज के समय में हमारी वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को हमारे साहित्यिक परंपरा एवं विरासत की जानकारी देना ज़रूरी है। हमारे पूर्वजों ने पूर्ण साहस से अपनी लेखनी को हथियार बनाकर आज़ादी के युद्ध में योगदान दिया। छत्तीसगढ़ मित्र के संपादक सुशील त्रिवेदी जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हिंदी नवजागरण न केवल बल दिया बल्कि भारतीय समाज और साहित्य को आधुनिकता से जोड़ने का कार्य भी किया।
गिरीश पंकज विशिष्ठ अतिथि ने छत्तीसगढ़ साहित्य का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य रखा। महासचिव डॉक्टर शिव शंकर अवस्थी ने स्वागत भाषण के साथ संस्था के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए सभी अतिथियों का परिचय दिया। दर्जनों पुस्तकें लोकार्पित की गई। डॉक्टर अहिल्या मिश्र की ‘बिहार साहित्यिक सांस्कृतिक विरासत’ भी लोकार्पित की गई। पुष्पक साहित्यकी के प्रधान संपादक एवं ए जी आई हैदराबाद चैप्टर की समन्वयक डॉक्टर अहिल्या मिश्र ने विषय पर प्रकाश डालते हुए वीर कुंवर सिंह के आरा क्षेत्र से लड़े गया संग्राम में उद्धृत साहित्यिक निमंत्रण का उल्लेख किया। इनके धन्यवाद से उद्घाटन सत्र सम्पन्न हुआ।
दूसरे सत्र में IRRO का एक सत्र सम्पन्न हुआ। इसमें डॉक्टर अवस्थी ने इसके कार्यकलाप पर विस्तार से प्रकाश डाला। तीसरे सत्र में प्रपत्र वाचन में 8 प्रपत्र प्रस्तुत हुए। डॉक्टर अहिल्या मिश्र की अध्यक्षता एवं नागपुर चैप्टर के समन्वयक श्री नरेंद्र परिहार के संचालन में एक बहुभाषी कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसमें केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, हैदराबाद, जबलपुर, आगरा एवं छत्तीसगढ़ से पधारे क़रीब 60 लोगों ने काव्य पाठ किया। डॉक्टर मिश्र ने अध्यक्षीय टिप्पणी में कहा कि कवि अपने रचनात्मक शक्ति का उत्कृष्ट उपयोग कर सृजनरत है। यह उनके रचना पाठ से अभिव्यक्त हुआ। श्री सुधीर शर्मा रायपुर चैप्टर के समन्वयक के धन्यवाद से काव्य संध्या सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम के समापन समारोह में पंडित बलदेव भाई शर्मा कुलपति, छत्तीसगढ़ के साहित्यकार श्रीवास्तव, श्री सुभाष शर्मा प्रधान संपादक स्वदेश TV छत्तीसगढ़ एवं डॉक्टर अहिल्या मिश्र मंचासीन हुए। पंडित बलदेव भाई शर्मा ने अध्यक्षीय टिप्पणी में संपूर्ण भारतीय सांस्कृतिक विरासत एवं साहित्यिक परिवेश का विहंगम सिंहावलोकन करते हुए संदेश दिया कि भारत भाव में ही हमारा भविष्य है। डॉक्टर शिव शंकर अवस्थी ने संपूर्ण कार्यक्रम का सार संक्षेपण प्रस्तुत किया। सुभाष शर्मा एवं छत्तीसगढ़ के साहित्यकार ने भी भारतीय चिंतन और साहित्य पर अपने विचार रखे। डॉक्टर अहिल्या मिश्र ने भारतीय चिंतन एवं साहित्य में संपूर्ण भारतीय वांगमय को सन्निहित कर विविधता में एकता के मूल भाव धारा को पूर्ण प्रवाहित कर हिंदी के नाव का संचालन भारतभव हेतु आवश्यक बताया। धन्यवाद ज्ञापन से सत्र समाप्ति हुई।
AGI संस्था की एक साधारण सभा का आयोजन प्रोफ़ेसर सुरेश ढ़ीगरा साहित्यकार नई दिल्ली की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात द्विवार्षिक चुनाव डॉक्टर अहिल्या मिश्र की देख रेख एवं नरेंद्र परिहार के संचालन में सम्पन्न हुआ। ए जी आई रायपुर चैप्टर के श्री सुधीर शर्मा के धन्यवाद से कार्यक्रम पर पूर्णविराम लगा।