हैदराबाद : पहलवान रवि दहिया (Ravi Kumar Dahiya) ने टोक्यो ओलंपिक-2020 के 57 किलोग्राम भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई। सोनीपत के गांव नाहरी के पहलवान रवि ने बुधवार को में शानदार प्रदर्शन किया। इसी के साथ भारत का एक और पदक पक्का हो गया। रवि ने प्री क्वार्टर फाइनल में कोलंबिया के पहलवान ऑस्कर टिगरेरोस उरबानो को 13-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।
इसी क्रम में बेटे रवि के फाइनल में पहुंचते ही पूरा नाहरी जश्न में डूब गया। ग्रामीणों ने ढोल बजाकर जीत की खुशी मनाई। अब रवि के पिता राकेश कुमार बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए स्वर्णिम प्रदर्शन करते देखना चाहते हैं। रवि ने आज पिता के सपने को पूरा कर दिखाया। रवि के पिता राकेश दहिया भी कुश्ती किया करते थे और आगे बढ़ना चाहते थे। मगर कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण गुजर-बसर के लिए खेती में जुट गये। बेटे की जीत पर भावुक राकेश दहिया ने कहा कि आज उनका सपना साकार हो गया। अब बस रवि गोल्ड जीतकर लौटे, यही उनकी ख्वाहिश है।
बेटे की जीत से गदगद राकेश दहिया ने कहा कि उनका बेटा क्षमतावान है। उसने बहुत जल्द ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है। ओलंपिक में चयन ही उसकी प्रतिभा का उदाहरण है। अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनका रवि देश के लिए गोल्ड जरूर लेकर आएगा।
आपको बता दें कि रवि ने गांव के संत हंसराज पहलवानी के अखाड़े में कुश्ती के दांव-पेंच सीखे। दस वर्ष की आयु में रवि को छत्रसाल स्टेडियम भेजा गया। उन्होंने 2015 में जूनियर रेसलिंग विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। घुटने की चोट के कारण 2017 में सीनियर नेशनल गेम्स से बाहर होना पड़ा। 2018 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में उन्होंने रजत और 2019 में विश्व रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। (एजेंसियां)