‘लोकपाल’ और ‘आत्मसाक्षी’ के सर्वेक्षण से सत्ता पक्षों में हड़कंप: तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में इन दलों की हैं हवा

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के दो सर्वे आये हैं। तेलंगाना से लोकपाल का सर्वे और आंध्र प्रदेश से आत्मसाक्षी का सर्वेक्षण से दोनों राज्यों में हड़कंप मच गया है। इन दोनों सर्वेक्षण संस्थाओं पर लोगा का पूरा विश्वास है। इनके सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि तेलंगाना में कांग्रेस की हवा है और आंध्र प्रदेश में डीडीपी व जन सेना गठबंधन सत्ता में आएगी। अर्थात तेलंगाना में कांग्रेस और आंध्र प्रदेश में टीडीपी-जन सेना की सरकार बनने की प्रबल संभावना है।

तेलंगाना में अगले दो महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां अभी से ही उम्मीदवारों के चयन पर काम कर रही हैं। कुछ तो टिकट के लिए एक पार्टी से दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रचार को लेकर पार्टियों के बीच तीखी नोकझोंक भी तेज हो गई है। इसी पृष्ठभूमि में लोकपोल संस्था की ओर से जारी सर्वे से तेलंगाना की राजनीति में भूचाल आ गया है। सर्वे से पता चला है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हवा चल रही है। इसके चलते सत्तारूढ़ बीआरएस पार्टी में हड़कंप मच गया है। आइए अब जानते हैं लोकपाल सर्वे की पूरी जानकारी।

इस साल 10 अगस्त से 30 सितंबर तक तेलंगाना में लोकपोल संस्था ने राज्यव्यापी सर्वेक्षण किया और बताया कि प्रत्येक राजनीतिक दल को कितनी सीटें मिलेंगी। साथ ही वोट शेयर का भी जिक्र किया है। साफ किया है कि कांग्रेस पार्टी को 61 से 67 सीटें मिलेंगी। कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने की संभावना है। सर्वे का अनुमान है कि मौजूदा सत्ताधारी पार्टी बीआरएस 45 से 51 सीटों तक ही सीमित रहेगी। बीजेपी को सिर्फ 2 से 3 सीटें जीतेगी। सर्वे में सामने आया कि एमआईएम पार्टी को 6-8 सीटें मिलेंगी। अन्य को 0-1 सीटें मिलेंगी। लोकपोल सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी को 41-44 फीसदी वोट, बीआरएस पार्टी को 39-42 फीसदी, बीजेपी को 10-12 फीसदी, एमआईएम को 3 से 4 फीसदी और अन्य को 3 से 5 फीसदी वोट प्राप्त कर सकते हैं।

लोकपोल सर्वे में कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा घोषित गारंटी योजनाओं का लोगों पर काफी असर हो रहा है। इसमें कहा गया कि बीसी और अल्पसंख्यकों के बीच कांग्रेस पार्टी का समर्थन बढ़ रहा है। लोकपोल ने अपने सर्वेक्षण से खुलासा किया कि चुनावी वादों को लागू करने में विफलता और स्थानीय नेताओं के प्रति जनता के बीच असंतोष के कारण बीआरएस सरकार का विरोध बढ़ गया है। माना जा रहा है कि ग्रामीण स्तर पर सीएम केसीआर का विरोध बढ़ता जा रहा है। खासकर किसानों और बेरोजगारों के बीच बीआरएस पार्टी का कड़ा विरोध है। एमआईएम पार्टी ने पुराने शहर में अपना वोट बैंक बचाकर रखा है। तेलंगाना में बीजेपी ने एक बड़ा वोट बैंक खो दिया है। जबकि पिछले कर्नाटक चुनाव में लोकपोल सर्वेक्षण अक्षरशः सत्य साबित हुआ। लोकपोल सर्वे के मुताबिक, कर्नाटक में कांग्रेस को 129-134 सीटें और बीजेपी को 59-65 सीटें मिलेगी। यह सच साबित हुआ है।

आंध्र प्रदेश

दूसरी ओर आंध्र प्रदेश में 175 सीटों पर जीत का दावा करने वाली वाईसीपी के नेता जगन मोहन रेड्डी को बड़ा झटका लगा है। फर्जी सर्वे से लोगों को बेवकूफ बनाने वाले जगन मोहन रेड्डी के दिल में रेल दौड़ रही है। पिछले चुनाव में आत्मसाक्षी ने सौ फीसदी वास्तविक सर्वे किया था। अब आगामी चुनावों के लिए सर्वेक्षण परिणाम घोषित किया है। सर्वे से पता चल गया कि अगला चुनाव कौन जीतेगा। हैदराबाद में काम कर रही भारतीय राजनीतिक सर्वेक्षण और रणनीति टीम ने नमूने एकत्र किए और एपी के सभी हिस्सों में एक सर्वेक्षण किया। आइए अब जानते हैं आत्मसाक्षी सर्वे की विस्तृत जानकारी।

आत्मसाक्षी सर्वेक्षण तीन से चार तरीकों से किया गया। यदि टीडीपी, वाईसीपी और जन सेना अलग-अलग प्रतिस्पर्धा करते हैं तो परिणाम कैसे होंगे। यदि टीडीपी और जन सेना गठबंधन के रूप में प्रतिस्पर्धा करते हैं तो परिणाम कैसे होंगे। यदि टीडीपी, जन सेना और भाजपा गठबंधन के रूप में प्रतिस्पर्धा करते हैं तो परिणाम कैसे होंगे? उपर्युक्त विषयों के आधार पर आत्मसाक्षी सर्वेक्षण के विवरण की घोषणा की है।

विकल्प-1 के मुताबिक, अगर टीडीपी, वाईसीपी और जन सेना अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो टीडीपी को 86 सीटें, वाईसीपी को 68 सीटें और जन सेना को 6 सीटें मिलेंगी। बताया गया है कि 15 सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा, लेकिन इनमें से वाईसीपी को 9 और टीडीपी को 6 सीटें मिलने की संभावना है। विकल्प-2 के मुताबिक, अगर टीडीपी और जन सेना गठबंधन के तौर पर चुनाव लड़ती हैं तो टीडीपी को 95 और जन सेना को 13 सीटें मिलेंगी। तब वाईसीपी 60 सीटों पर ही सिमट जाएगी। बताया गया है कि 7 सीटों पर कड़ा मुकाबला होगा। आत्मसाक्षी सर्वे ने साफ कर दिया है कि अगर टीडीपी और जन सेना मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो सत्ता में जरूर आएंगे।

विकल्प-3 के मुताबिक अगर टीडीपी, जन सेना और बीजेपी गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ते हैं तो वाईसीपी को फायदा होगा। यहां तक ​​साफ हो गया है कि टीडीपी, जनसेना और बीजेपी गठबंधन को सिर्फ 70-75 सीटें मिलेंगी और वाईसीपी को 98-100 सीटें मिलेंगी। अनुमान है कि 7 सीटों पर मुकाबला होगा। आत्मसाक्षी सर्वे ने साफ कर दिया है कि विकल्प-4 के मुताबिक अगर टीडीपी, जन सेना और लेफ्ट पार्टियां गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ती हैं तो उन्हें ज्यादातर सीटें मिलेंगी। अनुमान है कि उनके गठबंधन को 115-122 सीटें मिलने की संभावना है। इसमें कहा गया कि वाईसीपी 56-58 सीटों तक ही सीमित रहेगी और 4 सीटों पर मुकाबला होगा।

गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में आत्मसाक्षी सर्वे अक्षरशः 95 प्रतिशत खरा उतरा है। सर्वे में पता चला था कि वाईसीपी 139-42 सीटों पर जीत हासिल करेगी, टीडीपी 22-28 सीटों पर सिमट जाएगी और जन सेना को केवल 0-2 सीटें मिलेंगी। वास्तविक नतीजों के मुताबिक जन सेना को केवल एक सीट पर जीत मिली, जबकि वाईसीपी को 151 सीटें और टीडीपी को 23 सीटें मिलीं। दोनों सर्वेक्षणों से स्पष्ट होता है कि तेलंगाना में कांग्रेस और आंध्र प्रदेश में टीडीपी और जन सेना गठबंधन की सरकार बनेगी। अब देखना है कि आगे क्या होता है।

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