हैदराबाद : महाराष्ट्र में एनडीए अर्थात महायुति में किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है और न ही कोई खींचतान है। यह इस बात से स्पष्ट है हुआ कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडनवीस और एनसीपी (अजीत पवार) नेता अजीत पवार बुधवार को साथ नजर आये हैं।
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं ने कहा कि महायुति में सब कुछ ठीक ठाक है। इस दौरान नेताओं ने सरकार के किये गये कार्यों का ब्यौरा दिया। इंडिया गठबंधन लगातार एनडीए से सवाल कर रहा है कि उनका मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन है। यह सवाल अभी बीजेपी के लिए असुविधाजनक बना हुआ है। बीजेपी गठबंधन महाराष्ट्र में बिना सीएम उम्मीदवार के ऐलान के चुनाव लड़ेगा।
इस अवसर पर देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर कोई विवाद नहीं है और चुनाव के बाद सहमति से इसका फैसला लिया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा कि इंडिया गठबंधन खासकर शरद पवार बताएं कि उनका सीएम उम्मीदवार कौन है। दरअसल पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र यह चर्चा है कि सीएम पद को लेकर बीजेपी के भीतर ही स्थानीय नेता चाहते हैं कि इस बार सरकार बनने पर सीएम बीजेपी का ही होगा। फिलहाल तो महायुति में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है।
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गौरतलब है कि पिछला विधानसभा चुनाव बीजेपी ने शिवसेना के साथ लड़ा था। उस समय बीजेपी ने 165 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और 105 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार जीते थे। बीजेपी इस बार भी कम से कम 165 सीटों पर तो चुनाव लड़ना चाहती है। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। एकनाथ शिंदे की शिवसेना कम से कम 80 सीटें चाहती हैं। हालांकि बीजेपी की तरफ से उन्हें यह संदेश दिया जा रहा है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए अब कम से कम उन्हें कुछ सीटों का त्याग करना चाहिए। बीजेपी नेताओं का यह भी कहना है कि शिंदे की पार्टी करीब 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। अजीत पवार की पार्टी भी 50-55 सीटों की मांग कर रही है। चर्चा है कि उन्हें इससे कम सीट मिल सकती हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे के संदर्भ में त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए जैसा कि बीजेपी ने गठबंधन को बरकरार रखने के लिए किया है। बावनकुले ने एक टीवी चैनल से कहा, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निश्चित रूप से खुले दिमाग से काम लेना चाहिए और त्याग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमने भी गठबंधन को बनाए रखने के लिए त्याग किया है।”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होंगे। 20 नवंबर को मतदान और 23 को रिजल्ट आएगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार को ही महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव के तारीखों की घोषणा कर दी है। झारखंड में दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पहले चरण में 13 नवंबर और दूसरे चरण के तहत 20 नवंबर को मतदान किए जाएंगे।