पाठ्यपुस्तक समीक्षा : बाल केंद्रित एवं भारतीय संस्कृति/संस्कार से भरपूर NCERT की पुस्तक ‘वीणा’ और ‘मल्हार’

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने तीसरी और छठी कक्षा के लिए हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘वीणा’ एवं ‘मल्हार’ प्रकाशित कर दी है। ये पाठ्यपुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रस्तावों पर आधारित है। भाषा विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम है। इसी के माध्यम से हम दूसरों के विचारों को ग्रहण कर पाते हैं और अपने विचारों को दूसरों तक पहुँचाते हैं।

बालकों के विकास के प्रारंभिक चरण में बच्चा अपने परिवार एवं परिवेश से ही सीखता है। इस समय उसका मस्तिष्क बहुत ही कोमल और विचारों को ग्रहण करने में सक्षम होता है। वह अपने आसपास घटित उपागम से कुछ ना कुछ सीखता ही रहता है। सीखने को महत्व देते हुए विद्यार्थियों के व्यवहारिक जीवन से जुड़ने तथा उनकी रुचि और जिज्ञासा को ध्यान में रखते हुए उपर्युक्त पुस्तकों का निर्माण किया गया है। प्रत्येक पाठ में नये-नये शब्दों एवं रोचक गतिविधियों का समावेश किया गया है।

पुस्तक का निर्माण करने का उद्देश्य बालक-बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लक्ष्य को ध्यान में रखा गया है। यह पुस्तक सीखने के पाँच आयामों जैसे- शारीरिक एवं गत्यात्मक, समाज-संवेगात्मक, भाषा एवं साक्षरता, संस्कृति तथा सौंदर्य बोध को पंचकोश की भारतीय परंपरा के साथ जोड़ती है। इन पुस्तकों में भाषा की सरलता, सहजता तथा भाषायी ज्ञान को ध्यान में रखते हुए रोचक शैली में इनका निर्माण किया गया है।

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‘वीणा’ भाग-1 कक्षा 3 एवं ‘मल्हार’ कक्षा 6 की कार्य गाथा इस प्रकार है-

⦁ इन पुस्तकों का निर्माण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रस्तावों पर आधारित है। इनमें पढ़ने-लिखने के प्रथम चरण के लिए जीवन से जुड़ी बातों को आधार बनाया गया है, जिससे सीखने की प्रक्रिया सरल व सहज हो सके।

⦁ भाषा की योग्यताओं- सुनना, बोलना, लिखना, पढ़ना, सोचना-समझना और कल्पना सभी का इस अभ्यास पुस्तिका में समावेश किया गया है। पुस्तक में दी गईं गतिविधियाँ आकर्षण का केंद्र हैं। पुस्तकों में व्यक्तिगत एवं सामूहिक दोनों प्रकार की गतिविधियों का समावेश है।

⦁ पुस्तक में बातचीत करने, सुनकर कुछ करने, नए शब्दों की पहचान के साथ-साथ खेलने, कला एवं संगीत से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने का सुअवसर दिया गया है।

⦁ इन पुस्तकों में बालकों को शिक्षा के प्रति आकर्षित करने हेतु रोचक पाठों का समावेश किया गया है जैसे- पेड़ों की अम्मा ‘थिमक्का’ वृक्षों के महत्व और उनका संरक्षण करने हेतु जानकारी, ‘चंद्रयान’ पाठ के माध्यम से विज्ञान सम्बन्धी जानकारी वहीं ‘मल्हार’ पुस्तक में पहले पाठ ‘मातृभूमि’ में भारत की विशेषताओं का सुंदर चित्रण किया गया है। ‘गोल’ पाठ के माध्यम से मेजर ध्यानचंद की आत्मकथा आकर्षण का केंद्र है। ‘मेरी माँ’ अमर बलिदानी और क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल की अमर कथा का वर्णन विद्यार्थियों को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से परिचित करवाता है।

⦁ पुस्तक में देशप्रेम, पर्यावरण, विज्ञान, कला, इतिहास आदि की रोचक जानकारी को संवादात्मक शैली के माध्यम से समझाया गया है, जो पुस्तक को और भी रुचिकर एवं आनंददायक बनाती हैं ।

विशेष : पुस्तकों में भाषा की सृजनात्मकता पर ज़ोर देते हुए बहुत ही सरल व सहज भाषा का प्रयोग किया गया है। चित्र को देखकर समझना एवं आपस में अपने-अपने अनुमान एवं तर्क के आधार पर अनुभव साझा करना आदि बिंदु पुस्तक को और भी रोचकता प्रदान करते है। पुस्तक बच्चों के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक, रोचक एवं उत्साहवर्धक है।

समीक्षक- डॉ सीमा मिश्रा
राष्ट्रीय अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ)
अखिल भारतीय कान्यकुब्ज ब्राह्मण महासभा (रजि) कानपुर
मोबाइल नं. 9392059767/9396357675
tiwariaakash110@gmail.com

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