हैदराबाद : तेलंगाना का खजाना खाली हो गया है। हालांकि सरकार बार-बार कहती आती है कि तेलंगाना एक धनिक राज्य है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कर्ज पर कर्ज लेने और आय से अधिक खर्च किये जाने के कारण खजाना खाली हो गया है। वित्त विभाग इन आठ सालों में ऐसा आर्थिक संकट पहले कभी नहीं देखा है।
महीने की 18 तारीख के बाद भी वृद्ध, विकलांग और विधवाओं को सहायता पेंशन नहीं मिल रहा है। कर्मचारियों का वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन भुगतान करना मुश्किल हो गया है। इन सबसे निजात पाना है तो फिर से कर्ज लेना या बड़े पैमाने पर संपत्ति या जमीन बेचना एक मात्र मार्ग बचा है। केसीआर की सरकार ने अप्रैल, मई और जून महीने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के लिए रिजर्व बैंक को इंडेंट दिया है।
बजट गणना के अनुसार यदि राज्य सरकार के किये जाने वाले खर्च और लागू सभी योजनाओं के लिए हर माह औसतन 19,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होती है। जीएसटी, स्टैंप, पंजीकरण, शराब की बिक्री, पेट्रोल व डीजल की बिक्री, राज्य मिलने वाले कर को मिलाया जाये तो 12,000 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। शेष घाटे को पूरा करने के लिए तेलंगाना सरकार के कर्ज किये जाने के कारण राजकोष पर बेहिसाब बोझ पड़ रहा है।
पहले से ही तेलंगाना पर कुल कर्ज 4 लाख करोड़ रुपये पार हो चुका है। इसके लिए सरकार हर महीने 1,850 करोड़ रुपये ब्याज और इंस्टाल का भुगतान करती है। कर्ज के ऊपर कर्ज बढ़ने और आय से अधिक खर्च होने के कारण हर महीने के वेतन और अन्य खर्च का संकट आ गया है। दलित-बंधु और जून महीने के पहले सप्ताह में भुगतान की जाने वाली रैतु-बंधु के निधियों के लिए अधिकारी सिर पकड़ ले रहे हैं।
हर माह के पहले सप्ताह में दी जाने वाली आसरा पेंशन माह के आखिर में दिया जा रहा है। इससे लाभार्थी हर दिन डाकघर और बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। तेलंगाना में वृद्ध, विधवाओं, विकलांगों, अविवाहित महिलाओं, हथकरघा श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, ताड़ीतासक श्रमिकों, एचआईवी पीड़ितों और मोटे पैर के पीड़ितों सहित लगभग 36 लाख आसरा पेंशन लाभार्थी हैं।
सरकारी खजाने में रकम की कमी के चलते पेंशन भुगतान में देरी हो रही है। इसलिए 57 वर्ष की आयु वालों के लिए नया आसरा पेंशन लागू नहीं किया जा रहा है। इस आसरा पेंशन के लिए 10.50 लाख नये लोगों ने आवेदन किया है। अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा हालात में नई पेंशन अप्रैल से लागू होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।