हैदराबाद: कोरोना संकट के दौरान सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देने वाले कंट्रैक्ट (अनुबंध) डॉक्टरों के प्रति तेलंगाना सरकार ने ठेंगा दिखाया है। इस महीने की 31 तारीख के बाद बर्खास्त करने और वैकल्पिक नौकरियों की तलाश कराने के लिए तेलंगाना में विभिन्न अस्पतालों में काम करने वाले कंट्रैक्ट डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है।
आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त-सितंबर में अनुबंध के आधार पर 613 डॉक्टर्स, 79 फार्मासिस्ट्स और 202 लैब तकनीशियनों को आउटसोर्सिंग के आधार पर काम पर लिया था। इन 613 डॉक्टरों में 573 मेडिकल कॉलेज सहायक प्रोफेसर और 40 ट्यूटर्स के रूप में काम कर रहे हैं। इन सबको इस महीने के आखिर में बर्खास्त करने का फैसला लिया है।
इस समय तेलंगाना में मेडिकल कॉलेजों में लगभग 13 सौ सहायक प्रोफेसर पद खाली है। एक महीने के बाद एमबीबीएस फर्स्ट ईयर क्लासेस शुरू हो रही हैं। मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और अस्पताल के अधीक्षकों ने सरकार को सुझाव दिया हैं कि नियमित भर्ती होने तक विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत कंट्रैक्ट डॉक्टरों को नौकरियों से नहीं निकाले। मगर सरकार ने उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया और डॉक्टरों को बर्खास्त करने का विकल्प चुना।
चिकित्सा शिक्षा अधिकारियों ने कहा है कि ये नौकरियां केवल 6 महीने के लिएथी। इसका उल्लेख भर्ती अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही अनेक पद खाली है। लेकिन सरकार के फैसले के अनुसार उन्हें नौकरियों से हटाया जा रहा है।