हैदराबाद: अब तक सात निर्वाचन क्षेत्रों तक सीमित रह चुकी एआईएमआईएम इस बार इसकी संख्या बढ़कर नौ कर दी है। घोषणा की है कि वह मौजूदा सीटों के साथ-साथ जुबली हिल्स और राजेंद्रनगर सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही इन निर्वाचन क्षेत्रों में मुकाबिला बीआरएस बनाम एआईएमआईएम हो गया।
हालाँकि, यह चर्चा जोरों पर है कि इन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा मजबूत हो रही हैं। एआईएमआईएम के साथ मिलकर उन्हें रोकने के लिए एआईएमआईएम से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। क्या यह बीआरएस के लिए फायदेमंद होगा? क्या यह माइनस होगा? यह पार्टी कैडर के बीच इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।
बीतें विधानसभा सत्र के संदर्भ में बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटीआर ने परिषद में ऐलान किया- “जुबली हिल्स और राजेंद्रनगर सीटों पर चुनाव न लड़ें, यदि आप हमें बताएं कि आप क्या चाहते हैं, तो हम ऐसा करेंगे।” इस बीच असदुद्दीन ने ऐलान किया है कि वह इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इससे सबका ध्यान इस ओर आकर्षित हो गया।
मालूम हो कि एआईएमआईएम की मौजूदा सीटों पर बीआरएस उम्मीदवार उतारने वाले केसीआर ने कहा था कि वहां सिर्फ दोस्ताना मुकाबला था। इस बीच, पार्टी नेताओं का मानना है कि बीआरएस के मौजूदा सीटों पर अब एआई एमआईएम मजबूत उम्मीदवार उतार रही है तो इसका असर बीआरएस पर पड़ेगा।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने कल घोषित 7 मौजूदा सीटों में से दो निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार बदल दिए हैं। याकतपूरा से अहमद पाशाखाद्री और चारमीनार से मुमताज अहमद खान विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनकी उम्र अधिक हो गई हैं। इसीलिए पार्टी ने नए लोगों को मौका दिया है।
पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने घोषणा की कि जफर हुसैन और जुल्पिकार अली याकूतपुरा और चारमीनार से चुनाव लड़ रहे हैं। बहादुरपुरा, जुबली हिल्स और राजेंद्रनगर निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। मोज़मखान बहादुरपुरा के विधायक के रूप में कार्य कर रहे हैं। लेकिन क्या वह जारी रहेगे या नहीं? यह भी देखना होगा कि क्या नये लोगों को मौका दिया जाएगा या नहीं?
कुल मिलाकर एआईएमआईएम और बीआरएस इस चुनाव क्या गेम खेल रहे हैं किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इस पर से पर्दा उठने के लिए चुनाव तक हमें इंतजार करना है।