हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट): सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत की ओर से विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर एक विशेष कार्यक्रम- ‘सुर संगम संगीत संध्या’ का आयोजन किया गया। संस्थापिका सरिता सुराणा ने सभी अतिथियों और सहभागियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और नैरोबी, केन्या निवासी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री एवं कुशल वक्ता सुश्री सारिका फलोर को अध्यक्षता हेतु एवं स्वर कोकिला, संगीत विशारद श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो को मुख्य अतिथि के रूप में वर्चुअल मंच पर आमंत्रित किया।
अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित करके मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त किया। शुभ्रा मोहन्तो और उनकी सहयोगियों ने बहुत ही मधुर स्वर में सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। तत्पश्चात् अध्यक्ष ने शब्द-पुष्पों से सभी अतिथियों और सहभागियों का स्वागत किया और संस्था का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम में ‘संगीत साधना संगीतालय’, हैदराबाद की संस्थापिका श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो और उनकी साथी महिला कलाकारों ने एक से बढ़कर एक संदेशप्रद गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सर्वप्रथम श्रीमती विभा श्रीवास्तव ने अपनी कविता प्रस्तुत की।
उसके बाद श्रीमती सस्मिता नायक, श्रीमती कल्पना डांग ने हैदराबाद से और श्रीमती कल्पना मिश्रा और श्रीमती आभा श्रीवास्तव ने भोपाल से अपने सुमधुर स्वरों में गीत और गज़लों की प्रस्तुति से वातावरण को संगीतमय बना दिया। श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो ने- होठों से छू लो तुम, फिल्मी गीत की बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति दी। कटक, उड़ीसा से श्रीमती रिमझिम झा ने अपने निराले अंदाज में महिला दिवस पर अपना गीत प्रस्तुत किया।
लेफ्टिनेंट कमांडर स्मिता घोष ने शानदार नृत्य प्रस्तुतियों से संगीत संध्या के आनन्द को चरम पर पहुंचा दिया। सरिता सुराणा ने महिला दिवस पर अपनी विशेष कविता-अबला नहीं, सबला हूं मैं अब का वाचन किया।
अध्यक्षीय काव्य पाठ करते हुए सारिका फलोर ने प्रथम महिला चिकित्सक श्रीमती आनंदीबाई जोशी के सम्मान में अपना गीत प्रस्तुत किया और सभी कलाकारों की प्रतिभा को सराहा। उन्होंने सभी की प्रस्तुतियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।