हैदराबाद: (सरिता सुराणा की रिपोर्ट) सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत, हैदराबाद द्वारा आयोजित नौ दिवसीय मातृ भक्ति गीत महोत्सव भाग-4 हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ। नौ दिनों तक पटल पर निरन्तर भक्ति गीतों की अजस्त्र धारा बही। जिसमें देश-विदेश से माता के भक्तों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति प्रदान की और कार्यक्रम को सफल बनाया।
इस भक्ति गीत अनुष्ठान में भाग लेने वाले सभी सहभागियों के प्रति संस्था सदैव आभारी रहेगी। इसमें श्रीमती शुभ्रा मोहन्तो, श्रीमती कल्पना डांग, श्रीमती कल्पना मिश्रा, श्रीमती सस्मिता नायक, श्रीमती ऋचा चौधरी, श्रीमती आभा श्रीवास्तव, श्रीमती डी रेनुका, श्रीमती शकुन्तला मित्तल, श्रीमती ऋतु मखीजा, श्रीमती सुनयना अरोड़ा, श्रीमती मीना अग्रवाल, श्रीमती डाॅली कुकरेजा, डॉ आशा गुप्ता आशु, डॉ टी श्रीलक्ष्मी, सुश्री जयश्री, श्रीमती रिमझिम झा,
श्रीमती हिम्मत चौरड़िया, श्रीमती सुशीला चनानी, श्रीमती सोनिया अक्स सोनम, श्रीमती इंदु राज निगम, श्रीमती विद्या भंडारी, श्रीमती रचना सरन, श्रीमती तृप्ति मिश्रा, श्रीमती किरन सिंह, श्रीमती कनक पारख, श्रीमती मणि बेन द्विवेदी, श्रीमती स्नेहलता पाण्डेय, डॉ मधु चतुर्वेदी, डॉ शुभदा पाण्डेय, डॉ मीरा भारती, श्रीमती गार्गी शर्मा, श्रीमती कुसुम सिंह अविचल, श्रीमती अमृता श्रीवास्तव, श्रीमती हर्षलता दुधोड़िया, श्री भूदत्त शर्मा, श्री हरिओम श्रीवास्तव, श्री नंद सारस्वत स्वदेशी, श्री प्रदीप मिश्र अजनबी, श्री अभिषेक मिश्रा और शिवम् सिंह तोमर ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी।
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प्रवासी भारतीय कवयित्रियों में अमेरिका से श्रीमती अन्नदा पाटनी, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव और श्रीमती मधु खरे, कुवैत से श्रीमती संगीता चौबे पंखुड़ी, नाईजीरिया से श्रीमती शशि महाजन और लंदन से श्रीमती भारती सेठिया दूगड़ ने अपनी गरिमामय उपस्थिति प्रदान की। इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें मातृ स्वरुपा कन्याओं ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
दुर्गाष्टमी के दिन 4 वर्षीय सुश्री आरम्भिका भारद्वाज ने बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना प्रस्तुत की और महानवमी के दिन 2 वर्षीय सुश्री जिनांशी दुधोड़िया ने अपनी तोतली जुबान में छोटी छोटी गैया गाकर के दर्शकों का मन मोह लिया। एक वर्षीय सुश्री कनु भी अपनी दादी के साथ मंच पर उपस्थित थी। वेदांत मिश्रा ने भी माता की भक्ति में शानदार पंक्तियां पढ़ी और साथ ही साथ हिन्दी भाषा के लिए भी बहुत अच्छी पंक्तियों का वाचन किया।
इस कार्यक्रम को दर्शकों का अपार स्नेह प्राप्त हुआ और प्रतिदिन बड़ी संख्या में दर्शकों ने इस कार्यक्रम को देखा और इसकी प्रशंसा की। अंतिम दिन संस्थापिका सरिता सुराणा और हर्षलता दुधोड़िया ने सभी सम्मानित साहित्यकारों और दर्शकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया और श्रीमती अमृता श्रीवास्तव ने माता की आरती प्रस्तुत की और उसी के साथ यह भक्तिमय अनुष्ठान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।