हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने समाजसेवी और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव (महात्मा ज्योतिबा) गोविंदराव फुले की जयंती (11 अप्रैल) को राजकीय उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है। हैदराबाद समेत सभी जिला केंद्रों में फुले की जयंती को भव्य रूप से मनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री केसीआर ने रविवार को उक्ताशय का एक बयान जारी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि फुले ने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष किया है। वर्ण भेद के खिलाफ लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया। मुख्यमंत्री ने फुले की सराहना करते हुए कहा कि फुले गैर-भेदभावपूर्ण समानता समाज के लिए काम करने वाले एक महान सामाजिक दार्शनिक रहे हैं।
सीएम ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने महात्मा ज्योतिबा फुले की स्फूर्ति को लेकर अनेक कार्यक्रम आरंभ किये है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के बच्चों के शिक्षा विकास के लिए कार्य करने वाले फुले के पदचिन्हों पर चलकर बीसी कल्याण स्कूल संस्था की स्थापना की है। ज्योतिबा फुले की पत्नी सावित्री बाई ने महिला शिक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। ज्योतिबा ने पत्नी सावित्री बाई को शिक्षित किया और देश की पहली शिक्षिका बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
केसीआर ने कहा कि तेलंगाना सरकार द्वारा लड़कियों के लिए विशेष गुरुकुल स्थापित किये जाने का यह भी एक कारण है। प्रदेश सरकार ने देश में पहला महिला विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाया है। केसीआर ने कहा कि विदेशों में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले बीसी समुदाय के छात्रों के लिए फुले बीसी विदेशी विद्या निधि योजना को लागू किया है। इस योजना के तहत विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों को 20 लाख रुपये तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।