अमरावती : नौ महीने और नौ दिन तक अपने बच्चों को कोख में रखने वाली मां की उसकी नालायक संतानों ने देखभाल करना बंद कर दिया। अब तुम्हारी ज़रूरत नहीं है कहकर मां को घर से निकाल दिया। उन्हें जन्म दी गई मां होने की भावना भी उनके मन के किसी कोने में जीवत दिखाई नहीं दी। एक बूढ़ी मां को बेरहमी से बीच राह पर छोड़कर उसकी संतान चली गई है।
एक बेटा और एक बेटी रहने पर भी आज वह अनाथ और बेसहरा हो गई है। बेसहारा बूढ़ी मां उसके साथ जो कुछ हुआ सोचकर फफक-फफक कर रो रही है। एक बूढ़ी मां की ऐसी दयनीय हालात देखकर आसपास के लोगों के आंसू नम हो गई। मन को विचलित और सोचने पर मजबूर करने वाली यह घटना आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के इच्चापुरम शहर के गोल्ला स्ट्रीट में प्रकाश में आई है।
मिली जानकारी के अनुसार, बुज्जम्मा (85) को दो बेटे और एक बेटी संतान थी। कुछ साल पहले एक बेटे की मौत हो गई। बेटा छोटी-सी दुकान चलाता है और बेल्लुपाड़ा कॉलोनी में रहता है। बुज्जम्मा बेटी के पास गार्डन स्ट्रीट में एक किराये के मकान में रहती है। बुज्जम्मा को मिलने वाली पेंशन लेकर इसकी बेटी उसे खाना खिलाती है।
इसी क्रम में एक दिन बेटी ने अपनी मां के सोने-चांदी आभूषण ले लिये। इसके बाद उसने मां को अब तुझसे मेरा कोई काम नहीं कहकर शहर के गोल्ला विधि मंडपम के पास छोड़कर चली गई। चल-फिर सकने में असर्थ 85 वर्षीय बुज्जम्मा को पता नहीं कि ऐसे हालत में अब वह कहां जाये। वहीं पर बैठ गई। यानी चक्कर आकर गिर गई।
उस मार्ग से गुजरने वालों ने बुजुर्ग बुज्जम्मा की दयनीय हालात देखकर खाने-पीने के लिए कुछ लाकर दे रहे हैं। अन्य जरूरतों को भी पूरा कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि बुजुर्ग बुज्जम्मा की मदद के लिए आगे आये। क्योंकि यह बरसात और ठंड का मौसम है। रात को कीड़े-मकोड़े निकलने का डर है। अब देखना सरकार बुज्जम्मा को कैसे और कितना जल्द मदद करती है।