सिरिवेन्नेला सीताराम शास्त्री का महाप्रस्थानम में अंतिम संस्कार, PM, उपराष्ट्रपति व गणमान्य ने किया शोक व्यक्त

हैदराबाद: प्रमुख फिल्म गीतकार और लेखक सिरिवेन्नेला सीताराम शास्त्री (66) का मंगलवार को निधन हो गया था, का बुधवार को महाप्रस्थानम में अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को प्रशंसकों, फिल्मी और नेताओं के दर्शन के लिए फिल्म नगर स्थित फिल्म चैंबर में रखा गया।

गौरतलब है कि सिरिवेन्नला पिछले कुछ समय से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे। उनका खराब स्वास्थ्य विगड़ जाने से सिकंदराबाद के किम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। अपने चार दशक के फिल्मी कॅरियर में लगभग 800 फिल्मों के लिए 3,000 से अधिक गाने लिखने वाले सिरिवेन्नेला ने सर्वश्रेष्ठ गीतकार के लिए 11 नंदी पुरस्कार और 4 फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं।

2019 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। उपराष्ट्रपति एम वेंकय्या नायुडू, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।

अस्पताल प्रबंधन ने सोमवार को खुलासा किया कि उनका इलाज आईसीयू में एक विशेष मेडिकल टीम की देखरेख में किया जा रहा है। मंगलवार को जब इलाज के दौरान उनकी तबीयत और बिगड़ गई थी। किम्स हॉस्पिटल्स के चेयरमैन बोल्लिनेनी भास्कर राव ने सिरिवेन्नला को दिये गये इलाज और मौत के संभावित कारणों का खुलासा किया।

बोल्लिनेनी ने बताया कि सीताराम शास्त्री पिछले छह साल पहले कैंसर का पता चला था और उनके आधे फेफड़ों को निकाला गया था। इसके बाद उनकी बाईपास सर्जरी हुई। हफ्ते पहले जब एक और फेफड़े को कैंसर हुआ, तो उसका आधा हिस्सा निकाल दिया गया। ऑपरेशन के बाद दो दिनों तक उनका स्वास्थ्य अच्छा था और बाद में जटिलताओं के कारण उन्हें उन्नत उपचार के लिए किम्स में स्थानांतरित कर दिया गया।

उन्होंने बताया, “दो दिन के इलाज के बाद वे ठीक हो गये। ट्रेकियोस्टॉमी भी किया। 45 फीसदी फेफड़ों को हटा दिये जाने के बाद, शेष 55 फीसदी फेफड़े संक्रमित हो गये। इसके चलते ऑक्सीनेशन ठीक नहीं होने के कारण एक्मोमेशन पर रखा गया। पांच दिन तक एक्मोमेशीन पर सिरीवेन्नेला रहे। कैंसर, पोस्ट बायपास सर्जरी और ओबिस पेशंट भी होने के कारण किडनी खराब हो गई और संक्रमण पूरे शरीर में फैल गया। मंगलवार को शाम 4.07 बजे अंतिम सांस ली।”

बहुत दुख हुआ

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि सिरिवेन्नेला के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। उनके लेखन में बहुमुखी प्रतिभा स्पष्ट झलकती है। तेलुगु भाषा की लोकप्रियता के लिए कड़ी मेहनत की। सिरिवेन्नेला के परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।

तेलुगु भाषा को गौरन्वित किया

उपराष्ट्रपति एम वेंकय्या नायुडू ने कहा कि सिरिवेन्नला मौत की खबर ऐसे वक्त सुनना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब उम्मीद की जा रही थी कि वह जल्द ठीक हो जाएंगे। पहली फिल्म सिरिवेन्नेला के नाम को ही पारिवारिक नाम रख लिया। तेलुगु भाषा को गौरन्वित किया है। मैं भी उनके द्वारा लिखे गए मूल्यवान हर गीत के प्रशंसकों में से एक हूं।

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