हैदराबाद : माओवादी के वरिष्ठ नेता आरके, अक्किराजू हरगोपाल उर्फ साकेत (58) का निधन हो गया। छत्तीगढ़ पुलिस ने केंद्रीय समिति के सदस्य आरके की अस्वस्थता के कारण निधन हो जाने की पुष्टी की है। पुलिस ने बताया कि बीजापुर जंगल में आरके की मौत हो गई है। आंध्र प्रदेश के आरके उर्फ रामकृष्ण गुंटूर जिले के रेंटचिंतला मंडल के तुम्मृकोटा गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता सत्यनारायण एक शिक्षक के रूप में काम किया।
आरके माचर्ला एसकेबीआर कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान कट्टरपंथी आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे। इसी बीच तेलंगाना में उच्च शिक्षा प्राप्त करते समय रेडिकल स्टूडेंट यूनियन से पीपुल्स वार में शामिल हो गया। इसके बाद गुंटूर जिले को लौट आये दाचेपल्ली मंडल के ग्रामापाडु गांव में कुछ समय के लिए पीपुल्स वार में काम किया। इसके बाद सरकार की ओर प्रतिबंध लगाने के बाद आरके भूमिगत हो गया।
उनके बेटे मुन्ना की चार साल पहले 2016 में एक मुठभेड़ में मौत हो गई थी। उनकी पत्नी रमादेवी उर्फ सिरीशा इस समय प्रकाशम जिले के टुंगुटूरु मंडल के अलकुरापाडु में रहती हैं। उसने कहा कि आरके की मौत के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। विरसं के नेता और उनके दामाद कल्याण राव ने कहा कि यह सब अफवाह है।
पिछली बार माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में आरके ने कार्य किया था। आरके का असली नाम अक्किराजू हरगोपाल है। आरके ने 15 अक्टूबर 2004 वाईएस राजशेखर रेड्डी के शासन के दौरान सरकार के साथ हुई शांति वार्ता में शामिल हुए थे।
छत्तीसगढ़ की बस्तर पुलिस का कहना है कि उनकी मौत गंभीर बीमारी से हुई है। मगर अब तक माओवादी समिति की ओर से कोई बयान नहीं आया है। पिछले तीन साल से खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे आरके के अंतिम सांस लेने से माओवादी के लिए अपार क्षति है। चार साल पहले बलीमेला एनकाउंटर में उन्हें गोली लगी थी। कहा जा रहा है कि यह जख्म ही उसके मौत का कारण बना है।
आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्रीय समिति के सलाहकार और प्रभारी रहे आरके कुल चार राज्यों की पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में थे। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने आरके पर 40 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। इसी तरह एपी सरकार ने 25 लाख रुपये, ओडिशा सरकार ने 20 लाख रुपये और झारखंड सरकार ने 12 लाख रुपये का इनाम रखा था।
रामकृष्ण ने दक्षिण भारत में माओवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई। इन मुठभेड़ में कई मौकों पर पुलिस से बच निकलने में सफल रहे हैं।
चार दशकों तक पार्टी में अहम भूमिका निभाने वाले आरके ने आंध्र प्रदेश के तत्कालीन दिवंगत मुख्यमंत्री डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी के शासनकाल में शांति वार्ता में शामिल थे। इस बीच लगातार प्रमुख नेताओं की मौत से माओवादी पार्टी में चिंता की बात है। पार्टी के नेता इस बात से भी हैरान हैं कि कोरोना से हाल ही में अनेक साथियों की मौत हो गई है।