हैदराबाद: सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी (दिगंबर) कवि, लेखक और साहित्यकार निखिलेश्वर जी के पुस्तक ‘निखिल लोकम्’ और ‘साहित्य संगमम्’ दो तेलुगु पुस्तकों का लोकार्पण रविवार को सुरभि ग्रांड (शिवम रोड, अंबरपेट) में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार व कवि के शिवा रेड्डी किया। पत्रकार और लेखक के राहुल ने अतिथिओं का स्वागत किया। दिगंबर कवि नग्नमुनि, कवि के शिवा रेड्डी और स्वयं लेखक निखिलेश्वर जी के कर कमलों से दोनों पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कवि, गायक, अभिनेता और जन नाट्य मंडली के संस्थापक कामरेड गद्दर को दो मिनट मौन धारण कर श्रद्धांजि दी गई।







इस अवस पर पुस्तकों का परिचय डॉ डी चंद्रशेखर रेड्डी और डॉ एस जतन कुमार ने दिया। इनके अलावा डॉ के श्रीनिवास (आंध्राज्योति के संपादक), तेलकपल्ली रवि, प्रो एसवी सत्यनारायण, डॉ नंदिनी सिधा रेड्डी, जीवन कुमार (मा.ह.ले.) और अन्य साहित्यकारों ने सभा को संबोधित किया। इसके बाद लेखक निखिलेश्वर जी ने दोनों पुस्तकों पर अपने विचार व्यक्त किया। अपने अनुभवकों को साझा करते समय निखिलेशिवर जी के आंखे नम हो गई। आखिर में समीर आभार व्यक्त किया।



वक्ताओं ने कहा कि इस बात पर बल दिया कि सभी साहित्यकारों और कवियों को अपनी आत्मकथा लिखनी चाहिए। क्योंकि आने वाली पीढ़ी को लेखकों की आत्मकथाएं प्रेरणा और सीख देती है। साथ ही साहित्यकारों ने निखिलेश्वर जी के साथ बिताये दिनों के पलों को साझा किया। इसका सभी ने तालियों के गड़गड़हाट के साथ स्वागत किया। इस दौरान सभी वक्ताओं ने निखिल लोकम् आत्मकथा और साहित्य संगमम् लिखने पर वक्ताओं और सभागार उपस्थित लेखक, कवि और साहित्यकारों ने निखिलेश्वर जी को बधाई दी।







