हैदराबाद : डॉ बीआर अम्बेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय की लोक प्रशासन विभाग और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश क्षेत्रीय विभाग) के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव और विश्वविद्यालय के 40वें प्रवेश के संदर्भ में ‘कॅरियर के रूप में सिविल सर्विसेस : प्रतिभा और चुनौतियां’ विषयक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो केएस सीताराम राव ने कहा कि लोक प्रशासन में कई बदलाव आये हैं। ऐसे समय में सरकारों पर भी काफी जिम्मेदार बढ़ गई है। मुख्य रूप से नागरिक सेवा को लोगों के लिए प्रभावी ढंग से प्रदान किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि विकासशील और विकसित देशों में सुशासन प्रदान करने में लोकतंत्र में गुणवत्तापूर्ण सिविल सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और असम सरकार के पूर्व सचिव एम गोपाल कृष्ण आईएएस (सेवानिवृत्त) ने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ कॅरियर मार्गदर्शन प्रदान करने में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पी नरहरि, सचिव उद्योग मंत्रालय मध्य प्रदेश सरकार आईएएस ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि सिविल में उत्तीर्ण होने के लिए पैसा महत्वपूर्ण नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ता और चयनित विषयों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि वह एक साधारण परिवार से कैसे आये और कैसे सिविल में सफल हुए हैं। छात्रों को वर्तमान प्रतिस्पर्धी की इस दुनिया में तैयारी करने के तरीके के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो घंटा चक्रपाणि ने कहा कि देश में हर एक छात्र को सिविल सेवा हासिल करने की चाह होती है। मगर यह सभी के लिए संभव नहीं हो सकता है। किंतु लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए कुछ सिविल सेवा में कार्यरत व्यक्तियों की विकास कार्यक्रमों से प्रेरणा ले सकते हैं।
इस कार्यक्रम के लिए डॉ पल्लवी काबडे प्रमुख लोक प्रशासन विभाग के संयोजक और डॉ एवीएन रेड्डी सह-संयोजक के रूप में भाग लिया।इनके अलावा कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संकाय विभाग के निदेशक प्रो ई सुधा रानी, रजिस्ट्रार डॉ जी लक्ष्मा रेड्डी, सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो सी वेंकटय्या, प्रो सुदर्शनम, प्रो बलरामुलु, प्रो श्रीनिवासुलु रेड्डी, शोध छात्र, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र और अन्य ने इस वेबिनार में भाग लिया।