हैदराबाद : 16वें राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए बुधवार को विपक्षी दलों की बैठक शुरू हो चुकी है। इसी सिलसिले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के बुलावे पर विपक्षी नेताओं की बैठक जारी है। इस बैठक में 17 दलों के नेता भाग ले रहे हैं।
इस बैठक में एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, शिवसेना पार्टी के प्रियंका चतुर्वेदी, वाम दल के दीपांकर भट्टाचार्य, आरजेडी के मनोज झा, पीडीपी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरएलडी के जयंत चौधरी और डीएमके से टी आर बालू शामिल हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की टीआरएस, आम आदमी पार्टी, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, बीजेडी और अकाली दल के नेता बैठक में भाग लेने के लिए नहीं आया है। पता चला है कि बहुजन समाज पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया।
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कहा जा रहा है कि बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कुछ नामों पर भी विचार किये जाने की संभावना है। बैठक में आये नामों पर और विचार करने के लिए एक कमिटी बनाई जाएगी। इसकी अध्यक्षता शरद पवार या किसी अन्य वरिष्ठ नेता को दी जा सकती है।
दूसरी ओर सत्तारूढ़ एनडीए के पास निर्वाचक मंडल के लगभग आधे से ज्यादा वोट हैं। यदि उसे बीजद, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम और युवजन श्रमिक रैतु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) का समर्थन मिल जाता है तो उसके उम्मीदवार के राष्ट्रपति चुनाव में जीत सुनिश्चित है।
विपक्ष दलों के राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार पेश करने की कवायद के बीच कुछ नेताओं ने संभावित विकल्प के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से संपर्क किया है। गांधी 2017 में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार थे। हालांकि उस चुनाव में एम वेंकय्या नायडू से गांधी हार गये थे। हाल ही में शरद पवार ने राष्ट्रपति चुनाव रेस में होने से इंकार कर दिया है। (एजेंसियां)