हैदराबाद : उगादि त्योहार तेलंगाना के सभी लोगों के लिए समान है, लेकिन संबंधित पार्टियों द्वारा आयोजित समारोहों में पंचांग पठन मात्र अलग-अलग है। किसी पार्टी की ओर से पंचांग पठन किया गया, वेद-पंडितों ने उस पार्टी के पक्ष मेंअच्छी भविष्यवाणी की है। यही अब पार्टियों और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। टीआरएस, बीजेपी और कांग्रेस पार्टियों ने अलग-अलग पंचांग पठन कार्यक्रम आयोजित किये।
राशि और ग्रहबल पूरे तेलंगाना में एक जैसे ही है। मगर वेद-पंडितों के अलग-अलग टिप्पणी करना ही इस समय चर्चा का विषय है। शुभकृत संवत् किसी पार्टी के अनुकूल और किस पार्टी के प्रतिकूल रहेगा और वेद-पंडितों की टिप्पणी पर लोग चर्चा करने लगे हैं।
बाचुपल्ली संतोष कुमार शर्मा ने प्रगति भवन में आयोजित पंचांग पठन में कहा कि इस साल से टीआरएस पार्टी के लिए अच्छा रहेगा। केसीआर की ग्रह शक्ति अच्छी है। देश की दृष्टि केसीआर पर रहेगी। उन्होंने कहा कि इस साल साहसिक फैसलों की घोषणा की जाएगी। 75 फीसदी अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे और 25 फीसदी नकारात्मक रहने पर भी वह खास प्रभाव नहीं डालेंगे। उन्होंने कहा कि केसीआर के लिए पिछले साल की तुलना में यह साल बेहतर रहेगा और विरोधी दल परेशान करने पर भी केसीआर उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
शर्मा ने यह भी टिप्पणी की कि जैसे यदाद्री नरसिम्हा की तीन आंखें थीं, केसीआर भी अपनी तीसरी आंख से पार्टी नेताओं की हरकतों को देखते रहते हैं। कौन क्या कर रहा है, कौन किससे मिल रहा है, क्या कर रहे हैं, यह सब केसीआर देखते हैं। बाचुपल्ली शर्मा के पंचांग पठन पर राजनीतिक गलियारों में गर्मागर्म बहस हुई।
गांधी भवन में आयोजित पंचांग वाचन में पंडित श्रीनिवास मूर्ति ने विभिन्न बिंदुओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारें दमनकारी शासन कर रहे हैं। उन्होंने टिप्पणी की कि केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों के अधिकारों को ब्लैकमेल कर रही है। टीपीसीसी अध्यक्ष रेवंत रेड्डी अक्टूबर से अपना विश्वरूप दिखाएंगे।
दूसरी ओर, भाजपा कार्यालय में पंचांग पठन ज्यादातर केंद्र सरकार पर केंद्रित रही। इर्राबेली महेश्वर शर्मा ने कहा है कि राज्य में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा लेकिन मोदी तीसरी बार केंद्र में प्रधानमंत्री बनेंगे और मई 2028 तक बीजेपी को धोखा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राष्ट्रीय स्तर बीजेपी विपक्ष दलों का जवाब दे रही है।
तीनों पार्टियों के पंचांग पठन में परस्पर विरोधी टिप्पणी किये जाने से लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि कौन सच है और कौन झूठ है। यह सब नेताओं को खुश करने के लिए पंचांग पठन किये जैसा लगा है।