अमरावती : ओंगोल की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। प्रकाशम जिले में साल 2008 में सनसनीखेज हाईवे किलर मामले में 12 आरोपियों को मौत और 7 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
आपको बता दें कि मुन्ना गैंग अपने आपको पुलिस बताकर ट्रकों का निरीक्षण करते और लॉरी ड्राइवरों और क्लीनरों की बेरहमी से हत्याएं करते थे। 2008 में सामने आये ऐसे ही चार मामलों में कुल 19 आरोपियों को दोषी करार दिया गया।
पुलिस की जांच में पता चला कि मुन्ना गैंग पुलिसकर्मियों के वेश में हाईवे पर लॉरियों को रोकती और चेकिंग के नाम पर ड्राइवर और क्लीनर को गले में रस्सियों से बांधकर बेरहमी से हत्या करते थे। इस गैंग ने ओंगोल क्षेत्र में कुल सात मामलों में 13 लोगों की हत्या किये जाने का खुलासा हुआ।
इसी क्रम में तमिलनाडु के लॉरी ड्राइवर रामशेखर और क्लीनर पेरुमल सुब्रमणि की उलवपाडु के पास इसी तरह मुन्ना गैंग ने हत्या कर दी और गुंटूर के एक प्रमुख व्यापारी को लॉरी के साथ 21.7 टन लोहा बेच दिया। इसके बात ड्राइवर, क्लीनर की लाशों को मद्दीपाडु मंडल के इनुमनमेल्लुरु गुंडलकम्मा नदी के किनारे दफना दिये।
दूसर ओर 17 अक्टूबर 2008 को लॉरी के मालिक वीरप्पन कुप्पुस्वामी ने ओंगोल तालुका पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से तमिलनाडु के कल्पकम के लिए 21.7 टन लोहे के साथ लॉरी रवाना हुई थी। मगर बीच में ही लॉरी के साथ ड्राइवर और क्लीनर लापता हो गये। मामले की जांच कर रही पुलिस को पता चला कि सैयद अब्दुल समद उर्फ मुन्ना गैंग ने ही लॉरी ड्राइवर और क्लीनर की हत्या कर दी।।
पुलिस ने उसके पकड़ने की मुहिम तेज कर दी। मुन्ना को पुलिस की भनक लगते ही देश छोड़कर भाग जाने की कोशिश में लग गया। हालांकि पुलिस ने उसकी कोशिश को नाकाम किया और उसे कर्नाटक के एक पूर्व विधायक के फार्म हाउस में गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे गिरफ्तार करके ओंगोल को लेकर आई। कोर्ट ने सात में से तीन मामलों में फैसला सुनाया।