बेंगलुरु/हैदराबाद: नवादा की लेखिका डॉ. राशि सिन्हा का चयन उनकी पुस्तक ‘वेदना के उच्छवास’ के लिए निर्मला स्मृति हिंदी साहित्य गौरव सम्मान के लिए किया गया है। भारत के हरियाणा राज्य के चरखी दादरी में स्थित निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति (रजि.) ने “हिंदी उत्सव एवं अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार साहित्य सम्मान समारोह -2023” के तहत उनका यह चयन किया है। यह समिति प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्य के क्षेत्र में संलग्न लेखकों को उनकी कृतियों के लिए सम्मानित करती आ रही है। इस बार देश-विदेश के अन्य प्रतिष्ठित साहित्यकारों के साथ नवादा की डॉ. राशि की पुस्तक का भी चयन हुआ है।
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हिंदी,ॲंग्रेजी व मागधी में समान रूप से कलम चलाने वाली लेखिका डॉ. राशि की यह पुस्तक मूलतः काव्य संकलन है जिसे उन्होंने अपनी बड़ी दीदी रचना सिन्हा को समर्पित कर लिखा है। डॉ. राशि ने बताया कि हालांकि इस पुस्तक का सृजन उनके जीवन काल से ही प्रारंभ हो गया था। वर्तमान युग में व्याप्त होते नैतिक अंधकार से व्यथित हृदय की संवेदनाएं यों समष्टि से वैयक्तिक हो जाएंगी इसका उन्हें जरा भी भान नहीं था, किंतु यह विधाता की पूर्व निर्धारित योजना थी जो इसके सृजन के मध्य इतनी बड़ी पारिवारिक घटना घट गई और इस वैयक्तिक क्षति से आहत हृदय समष्टि से वैयक्तिक की ओर मुड़ गया, जिसकी पीड़ा इस संकलन की कुछ काव्य-पंक्तियों में स्वत: आतीं चलीं गईं।
डॉ. राशि का मानना है कि यह उन्हीं के आशीर्वाद का प्रतिफल है कि इसी वर्ष प्रकाशित इस पुस्तक का चयन इतने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह भी देश विदेश के विशिष्ट साहित्यकारों के बीच इतने विशिष्ट साहित्यिक मंच द्वारा किया गया। इसके लिए वे चयन समिति और विशेषकर इस संस्था के प्रमुख डॉ. अशोक मंगलेश जी के प्रति आभार व्यक्त करतीं हैं। डॉ. अशोक मंगलेश इस संस्था के प्रमुख होने के साथ-साथ स्वयं भी लेखन से जुड़े हैं। देश के प्रमुख साहित्यकारों में से एक डॉ. अशोक मंगलेश की अब तक बहुत सारी पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं।
पद्मश्री प्रो. (डॉ.) रवींद्र कुमार (पूर्व कुलपति चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, उत्तर प्रदेश ) की अध्यक्षता में 24 सितंबर को होनेवाले इस कार्यक्रम में सिंघानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान के कुलपति प्रो. (डॉ.) उमाशंकर यादव मुख्य अतिथि तथा मुंबई विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) करूणा शंकर उपाध्याय अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगें।
इस अवसर पर इस समिति द्वारा निर्मला स्मृति हिंदी साहित्य गौरव सम्मान के अतिरिक्त निर्मला अंतरराष्ट्रीय भारत-भारती हिंदी साहित्य सम्मान, आचार्य रामचंद्र शुक्ल शिरोमणि साहित्य सम्मान,निर्मला स्मृति हिंदी साहित्य शिरोमणि सम्मान,निर्मला स्मृति हिंदी साहित्य रत्न सम्मान,निर्मला स्मृति हरियाणा साहित्य गौरव सम्मान,निर्मला स्मृति साहित्यि संपादन सम्मान आदि भी प्रदान किये जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि इसी दिन डॉ. सिन्हा को उनकी पुस्तक, गौरैया की चूं चूं के लिए मथुरा में “पंडित हरप्रसाद पाठक स्मृति-शइखर सम्मान-2022 भी प्रदान किया जाएगा। इसके लिए उनका चयन तुलसी साहित्य संस्कृति अकादमी तथा पंडित हरप्रसाद पाठक स्मृति-बाली साहित्य समिति मथुरा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।