हैदराबाद (सरिता सुराणा की रिपोर्ट) : सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, भारत हैदराबाद द्वारा आयोजित नौ दिवसीय मातृ भक्ति गीत महोत्सव के तीसरे दिन माता चंद्रघंटा और माता पार्वती की आराधना हेतु पटल पर कोलकाता और हैदराबाद की गायिकाओं ने अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी।
सरिता सुराणा ने सभी सम्मानित साहित्यकारों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और माता के श्लोकों द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। भजन शृंखला की पहली कड़ी में हैदराबाद से श्रीमती निर्मला बैद ने- माथै मेमंद मारुजी देर दयो जी, हो जी ढोला रखड़ी अजब घड़ाय और गहरो जी फूल गुलाब रो जैसे मनोरम गीत प्रस्तुत करके गणगौर गीत संध्या का समां बांध दिया।
तत्पश्चात् युवा गायिका श्रीमती मोनिका भंसाली ने- भंवर म्हाने पूजण देवो गणगौर, हरियाला ईसर हो नादान ईसर हो तथा मेंहदी राचण लागी हाथां में ईसर रे नाम री जैसे शानदार गीत प्रस्तुत करके दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कोलकाता से श्रीमती हिम्मत चौरड़िया ने- ओ कुण डालो मरोड़े, ईसरदास जी डालो मरोड़े तथा नीम की निंबोली म्हाने खारी लागै जैसे गीत प्रस्तुत किए। श्रीमती हर्षलता दुधोड़िया ने- तूं दुर्गे मां शक्तिधारी है, महिमा भारी है, सिंह सवारी है ओ मां जैसा भक्ति गीत प्रस्तुत किया।
कोलकाता से वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती रचना सरन ने- पधारो प्यारा पावणा, ऐ जी हां सा घणा मन भावणा और हठीला हठ छोड़ो, बादीला म्हाने खेलण देवो गणगौर जैसे मनभावन गीत प्रस्तुत किए। सरिता सुराणा ने प्रसिद्ध गणगौर गीत- घुड़ला प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे पटल पर गणगौर के गीतों की झड़ी लग गई और सब भावविभोर होकर आनन्द मग्न हो गए।
श्रीमती हर्षलता दुधोड़िया ने मारवाड़ी भाषा में बहुत ही सुन्दर ढंग से कार्यक्रम का संचालन किया। सरिता सुराणा ने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोता गण उपस्थित थे। सभी ने इस कार्यक्रम की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।