हैदराबाद: देश और दुनिया में कोरोना वायरस के मामलों में कमी से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। मगरन इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने एक चिंता की खबर सुनाई है। हाल ही में की गई एक स्टडी में पता चला है कि कोरोना वायरस का डेल्टा (delta) और ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट मिलकर नया वायरस बना है। इसका सबूत भी मिल है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि डेल्टा और ओमिक्रॉन के तेजी से फैलने से ये आशंका पहले ही जताई थी।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन से बना नया वायरस कितना खतरनाक है। इसे लेकर कई अध्ययन चल रही हैं। फ्रांस में जनवरी 2022 में इस वायरस के फैलने की शुरुआत हो भी चुकी है। इससे पहले भी कई वैज्ञानिक कह चुके हैं कि कोरोना वायरस के अभी कई रूप सामने आएंगे।
स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन और डेल्टा का रिकॉम्बिनेंट वायरस फैल रहा है। स्वास्थ्य संगठन की वैज्ञानिक मारिया वान करखोव ने ट्वीट किया है कि SARSCov2 के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के मिलकर फैलने की आशंका है। इनका सर्कुलेशन तेजी से हो सकता है। हम इसको ट्रैक कर रहे हैं। साथ ही इस पर बातचीत भी हो रही है।
मारिया ने वायरोलॉजिस्ट जेरेमी कामिली (jeremy kamil) का ट्वीट रीट्वीट किया है। इस ट्वीट के मुताबिक, डेल्टा-ओमिक्रॉन के मिले-जुले वायरस के पक्के सबूत मिले हैं। यह वायरस जनवरी 2022 से फ्रांस में फैल रहा है। इसी प्रोफाइल के वायरस डेनमार्क और नीदरलैंड्स में भी मिल चुके हैं। हालांकि स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि अभी इस वायरस के घातक होने के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। (एजेंसियां)