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नवरात्रि को शक्ति की आराधना का पर्व माना जाता है। सभी आयु वर्ग के साधक इसे धूम धाम से मनाते हैं। यह पर्व नौ दिनों तक मनाया जाता है। नवरात्रि साल में दो बार आती है एक वासंतिक नवरात्रि जो मार्च अप्रैल में आती है और दूसरा शारदीय नवरात्रि जो सितम्बर अक्टूबर में आती है। दर असल यह पर्व अज्ञान से ज्ञान की ओर, अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है।
मान्यता है कि इस दौरान पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है और जीवन में आने वाले दुख और संकट दूर होते हैं। यह शक्ति और भक्ति का पावन पर्व है जो जीवन में सुख शांति और समृद्धि प्रदान करता है। मां दुर्गा को आदि शक्ति, देवी, जगदम्बा, शक्ति और पार्वती के रूप में संबोधित किया जाता है जो उसके विभिन्न रूपों और स्वरूपों को दर्शाते हैं।
श्रीमद् देवी भागवत पुराण के अनुसार एक समय दुनिया में महिषासुर नामक राक्षस आतंक फैला हुआ था जिसका आधा शरीर असुर और आधा शरीर बफैलो का था। उसने ब्रह्मा जी की तपस्या कर यह आशीर्वाद प्राप्त किया था कि उसको कोई देवता, असुर व मनुष्य मार नहीं सकता है। दंभ होने से उसने देवताओं और मनुष्यों को सताना और परेशान करना शुरू कर दिया। इससे तंग आकर सभी देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी के पास पहुंचे। विष्णु जी की राय से सभी देवताओं के तेज से एक नारी रत्न की उत्पत्ति हुई जिसका नाम ” दुर्गा ” रखा गया।
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दुर्गा का अर्थ होता है यज्ञ रूपी दुर्ग की रक्षा करने वाली, दुर्गुणों की नाश करने वाली, दुर्बुध्दि को खत्म करने वाली जो अदम्य शक्तियों से भरपूर है। इसी दुर्गा से महिषासुर का नौ दिनों तक भीषण युद्ध हुआ जिसमें वह मारा गया। आज झूठ, फरेब, विश्वासघात की प्रवृत्ति बढ़ रही है। तब नवरात्रि की प्रासंगिता अधिक दिखाई देती है। यह मन, बुद्धि और विचारों की शुद्धि का पर्व है। इसलिए नौ दिनों तक व्रत रखने का विधान है। यह केवल अन्न का व्रत नहीं बल्कि दुराचारों, दुर्व्यहारों और दुष्कर्मों को त्यागने के संकल्प का पर्व है।
यह पर्व तन और मन को जोड़ने का पर्व है तभी मां दुर्गा स्नेह, संस्कार और सभ्यता देती है । मां दुर्गा के स्मरण मात्र से सभी प्राणियों का भय दूर कर देती है। जो भी स्मरण करता है उसको अत्यंत शुभ और कल्याणकारी बुद्धि प्रदान करती है। दरिद्रता,दुख और भय हर लेती है। जीवन को नई शुरुआत करने और अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचानने का पर्व है। नवरात्रि ऐसा पर्व है जो शक्ति, भक्ति, त्याग और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश देता है।
दर्शन सिंह,
मौलाली हैदराबाद
