हैदराबाद: तेलंगाना में मानसून के प्रवेश के साथ ही असर देखने को मिला। बीते रात को तेलंगाना में अधिकतर हिस्सों में मध्यम से लेकर भारी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक तेलंगाना के अधिकांश जिलों में मध्यम से लेकर भारी बारिश का अनुमान जताया है। मेडचल मलकाजगिरी दम्मईगुड़ा में 5 सेमी भारी वर्षा हुई, जबकि मेडचल मलकाजगिरी चार्लपल्ली क्षेत्र में 8.9 सेमी भारी वर्षा हुई। कामारेड्डी में बिच्चुकुंटा में 8.3 सेमी और कामारेड्डी में जुक्कल में 8 सेमी बारिश हुई।
इसी तरह खम्मम के एमएसपी गेस्ट हाउस इलाके में 7.6 सेंटीमीटर और मेडचल मलकाजगिरी बाचुपल्ली में 7 सेंटीमीटर भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बताया कि महबूबाबाद, संगारेड्डी, नागरकर्नूल, मेडचल मलकाजगिरी, कामारेड्डी, रंगारेड्डी, निजामाबाद और सूर्यापेट जिलों में 4 से 6 सेंटीमीटर की मध्यम से भारी बारिश हुई। ग्रेटर हैदराबाद के कई हिस्सों में रात को भारी से मध्यम बारिश हुई। चर्लापल्ली में 4.4 सेमी, मच्चा बोलाराम में 3.8 सेमी, काप्रा में 3.3 सेमी, जीडिमेटला में 1.8 सेमी, शापूर में 1.7 सेमी और कुतबुल्लापुर में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।
इस क्रम में दक्षिणी तेलंगाना विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी रघुमा रेड्डी ने अगले तीन दिन भारी बारिश और पूर्वानुमान के मद्देनजर शहर के जोनल और मुख्य महाप्रबंधक और अधीक्षण इंजीनियरों के साथ एक टेलीकांफ्रेंस समीक्षा की। इस संबंध में कई सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्रेटर हैदराबाद में आपदा प्रबंधन टीमों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि पेड़, सड़क और मकानों पर कोई बिजली के तार है तो उन्हें तुरंत हटाने के लिए बिजली विभाग के संज्ञान में लेकर आने का सुझाव दिया।
बिजली आपूर्ति मुद्दों की निगरानी के लिए एक विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाये। बिजली के संबंध में किसी भी आपात स्थिति में 1912/100 स्थानीय फ्यूज कॉल कार्यालय बिजली विभाग विशेष नियंत्रण कक्ष 7382072104, 7382072106, 7382071574 पर संपर्क कर सकते हैं। रघुमा रेड्डी ने सुझाव दिया कि कंपनी को अपने मोबाइल ऐप, वेबसाइट, ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से बिजली समस्या को ध्यान में लाना चाहिए। इसके चलते अधिकारी अलर्ट हो गये हैं। शहर में बारिश के कारण दूरदराज के इलाकों के लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन व्यापक इंतजाम कर रहा है।
दूसरी ओर तेलंगाना में किसान खेतों में बीज बोने के कार्य में व्यस्त हो गये हैं। अधिकतर जिलों में किसान खेतों में बीज बोते पाये जा रहे हैं।