आर्य प्रतिनिधि सभा, आंध्र प्रदेश तेलंगाना के उप-प्रधान एवं पूर्व कोषाध्यक्ष अशोक कुमार श्रीवास्तव जी का निधन 12 मार्च 2025को हुआ। हैदराबाद के क्रांतिकारी आर्य परिवार में ध्रुवपेट (धुलपेट) में जन्मे और पिताजी सदगुरु प्रसाद श्रीवास्तव और माताजी श्रीमती सत्यनारायणदेवी के साथ अशोक जी के साथ हमेशा आर्य समाज के सत्संगों, कार्यक्रमों में ले जाते थे, जिसके कारण बचपन से ही आर्य संस्कारों से पले और बड़े हुए तथा महर्षि दयानंद सरस्वती जी का उपकार मानकर जीवन भर इसी तपस्या में उन्होंने अपना जीवन अर्पित किया।
बचपन में आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण बाल्यावस्था में वे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ छोटे-मोटे जो भी कार्य करते रहे। बी. कॉम. की पढ़ाई पूरी कर राज्य सरकार के सेल्स टैक्स विभाग में कार्यरत किया। रिटायरमेंट के बाद आर्य प्रतिनिधि सभा से पूर्ण रूप से जुड़ गए। अशोक कुमार जी एक ऐसी व्यक्ति थी जो महर्षि दयानंद के लिए किसी कार्य को भी अपना स्वयं का कार्य समझकर पूर्ण निष्ठा और लगन से करते थे। सामाजिक हित के किसी भी कार्य को करने के लिए बिल्कुल पहले रहते थे। आप प्रतिनिधि सभा के हर कार्य के लिए दिन-रात लगे रहते थे और आर्य कन्या विद्यालय में भी पिछले दो-तीन वर्षों से निरंतर सेवा देते रहे। इसका शब्दों में वर्णन करना कठिन है।

मेरा उनसे परिचय पिछले 10-15 वर्षों से था। जब भी मिलते मैं उनसे छोटा होने पर भी वे मुझे भैय्याजी कह कर संबोधित करते। स्वतंत्रता सेनानी पं गंगाराम स्मारक मंच के वे सक्रिय सदस्य रहे। उन्होंने हमारे कार्यों को बढ़ाने और सही दिशा देने में निरंतर प्रेरणा स्रोत रहे। उन्होंने “जीवन संग्राम- क्रांतिकारी पंडित गंगाराम वानप्रस्थी ” की प्रथम 10 प्रतियों का शुल्क दिया और अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों में वितरित कर पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
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साथ ही मंच द्वारा उस्मानिया विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन पर वह बहुत ही प्रसन्न हुए। उन्होंने पंडित गंगाराम जी के जीवनी पर स्वरचित कविता में पूरी जीवनी को पुरो कर रख दी। इस कविता को बहुत सराहा गया। इस कविता को प्रसिद्ध इतिहासकार प्रा. राजेंद्र जिज्ञासु जी को भी मोहित कर दिया। जिज्ञासु जी ने कविता को ” जीवन संग्राम – पंडित गंगाराम वानप्रस्थी ” पुस्तक में स्थान देकर इनके काम को प्रदर्शित किया। इसे पुस्तक में पृष्ठ नंबर 282 और 283 पर देखा जा सकता है।
आर्य समाज के उत्सव हो या कोई कार्यक्रम, जहां पर वरिष्ठ वक्ता या बहुत बड़ी हस्ती आने वाले हैं, वह मुझे जीवन संग्राम तथा ऋषि चरित्र प्रकाश को लिए सादर सप्रेम भेंट देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और हमें उनसे मिलवा कर परिचय देते थे। स्वतंत्रता सेनानी पं गंगाराम स्मारक मंच आपकी सेवाओं को कभी भूल नहीं सकता। आपका सहयोग अस्मरणीय रहा है। हमें उनके द्वारा और भी बहुत उम्मीद थी लेकिन ईश्वर ने हमें उनसे विदा कर दिया। आपकी कमी हर समय महसूस रहेगी। हमें उनके जैसा व्यक्तित्व को खोना बहुत बड़ी क्षति है। उनकी भरपाई कोई नहीं कर सकता।

भक्त राम
नोट- अशोक कुमार श्रीवास्तव जी शोक सभा आर्य कन्या विद्यालय हाई स्कूल, कंदास्वामी लेन, सुलतान बाजार में 4 अप्रैल को शाम 4.30 बजे पंडित गंगाराम स्मारक मंच के नेतृत्व में आयोजित किया जाएगा। आयोजकों ने जन सामान्य से शोक सभा में भाग लेकर सफल बनाने का आग्रह किया है।