माओवादियों ने रखा संघर्ष विराम का प्रस्ताव, सरकार और सुरक्षाबलों के संदेश का है इंतजार

हैदराबाद : माओवादियों ने शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिन में छत्तीसगढ़ दौरे पर जाने वाले हैं। सुरक्षाबलों की आक्रामकता को देखते हुए माओवादियों ने सरकार से ऑपरेशन कगार रोकने की अपील की है। इस प्रस्ताव के तहत माओवादियों ने शांति वार्ता के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। यह प्रस्ताव सरकार के लिए एक नई चुनौती पेश कर रही हैं।

माओवादियों ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में सरकार से संघर्ष विराम और शांति वार्ता की मांग की है। विज्ञप्ति में माओवादियों ने विशेष रूप से भारत सरकार से ऑपरेशन कगार रोकने की अपील की है, ताकि शांति वार्ता की प्रक्रिया शुरू हो सके। यह बयान में तेलुगु और हिंदी भाषा में जारी किया गया है। यह नक्सलियों के इरादों को स्पष्ट करता है।

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माओवादियों के इस प्रस्ताव के सामने आने के बाद सरकार और सुरक्षाबलों की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। क्या नक्सलियों के इस प्रस्ताव को सरकार गंभीरता से लेगी या क्या इस प्रस्ताव से संघर्ष में कोई बदलाव आएगा। यह तो आने वाला वक्त ही बतलाएगा।

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