हैदराबाद : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति ने कहा कि आरएसएस के नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 अप्रैल को डॉ बीआर अंबेडकर की जयंती को भव्य रूप से मनाने की घोषणा के पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है। इस बात को ध्यान में रखते हुए माओवादी ने आरएसएस, भाजपा और हिंदुत्ववादी ताकतों के खिलाफ अंबेडकर जयंती मनाने का आह्वान किया है। माओवादी पार्टी की केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने रविवार को जारी एक बयान में यह बात कही है।
बयान में आगे कहा है कि आरएसएस, बीजेपी और हिंदुत्व संगठन तब से अंबेडकर की विचारधारा का विरोध कर रहे हैं। पिछले 8 सालों से भारत का निर्माण फासीवादी तरीके से कदम दर कदम किया जा रहा है। इसके लिए ‘न्यू इंडिया’ नाम दिया गया है। केंद्र सरकार दलित विरोधी, आदिवासी विरोधी, मुस्लिम विरोधी और महिला विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। इतना ही नहीं किसान, मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग के खिलाफ नीतियों को तेज किया है।
एक तरफ तीन तलाक कानून, धारा 370 और 35ए को खत्म कर अयोध्या में राम मंदिर बनाया गया है। दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। ऐसे कई कानून ले आने के विफल प्रयास किये जा रहे है। आरक्षण को खत्म करना चाह रहे हैं। अम्बेडकर द्वारा तैयार किये गये संविधान का गंभीरता से उल्लंघन किया जा रहा है।
गोरक्षा के नाम पर मासूम लोगों की हत्याएं किये जा रहे हैं। दलित और आदिवासी के खान-पान, रहन-सहन और रीति-रिवाजों पर प्रतिबंध लगाये जा रहे हैं। इस तरह कदम-कदम पर उनका अपमान किया जा रहा है। अम्बेडकर मनु धर्म के विरोधी थे। केंद्र सरकार एक फिर वैसा ही शासन ले आने की कोशिश कर रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आरएसएस, भाजपा और हिंदू ताकतों का हम सबको विरोध किया जाना चाहिए।